भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने गुरुवार को कहा कि आंदोलन अभी आठ महीने और चलाना पड़ेगा. किसान को आंदोलन (Farmers Protest) तो करना ही पड़ेगा, अगर आंदोलन नहीं होगा तो किसानों की जमीन जाएगी. किसान 10 मई तक अपनी गेंहू की फसल काट लेंगे, उसके बाद आंदोलन तेजी पकड़ेगा. उन्होंने कहा कि आंदोलन अभी लंबा चलेगा. उन्होंने कहा कि अभी हमारे बाहर भी कार्यक्रम हो रहे हैं. गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर मौजूद राकेश टिकैत ने बताया कि 20 अप्रैल तक हमारे बाहर में कार्यक्रम लगे हुए हैं. यह भी पढ़ें- किसानों ने 'होलिका दहन' में जलाईं कृषि कानूनों की प्रतियां, राकेश टिकैत बोले- आंदोलन जारी रहेगा.
उधर, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने बुधवार को कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान मई में ससंद तक पैदल मार्च करेंगे. मोर्चा ने अगले दो महीनों के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा करते हुए कहा कि मोर्चा की कल बैठक हुई थी जिसमें फैसला लिया गया कि किसान संसद तक मार्च करेंगे. मार्च की तिथि अब तक तय नहीं हुई है.
ANI का ट्वीट-
आंदोलन अभी आठ महीने और चलाना पड़ेगा। किसान को आंदोलन तो करना ही पड़ेगा, अगर आंदोलन नहीं होगा तो किसानों की जमीन जाएगी। किसान 10 मई तक अपनी गेंहू की फसल काट लेंगे, उसके बाद आंदोलन तेज़ी पकड़ेगा: राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता #FarmersProtest pic.twitter.com/BgyNz5WPyx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 1, 2021
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि इसमें न केवल किसानों को, बल्कि बल्कि महिलाओं, बेरोजगार व्यक्तियों और श्रमिकों को भी शामिल किया जाएगा जो आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कहा कि मार्च ‘शांतिपूर्ण ढंग’ से निकाला जाएगा और इस बात का विशेष ध्यान रखा जायेगा कि ‘26 जनवरी को जो घटना हुई थी, उसकी पुनरावृत्ति नहीं हो.'
उन्होंने कहा कि हम ऐसा इसलिए करेंगे क्योंकि सरकार हमारी नहीं सुन रही है. यह सो रही है. इस सरकार को जगाना है. आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उनके सम्मान में छह मई को एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.