नई दिल्ली:- कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का आज 40वां और अहम दिन माना जा रहा था. नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को लेकर किसानों और सरकार के बीच सोमवार को चल रही बैठक खत्म हुई लेकिन सहमती फिर से नहीं बन पाई. जो दर्शाता है कि मंगलवार को भी किसानों का आंदोलन जारी रहेगा. किसान अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं. सरकार लगातार कोशिश कर उन्हें मनाने का प्रयास कर रही है. लेकिन सफल नहीं हो पाई. इस बीच किसान नेता फिर से अगली रणनीति को लेकर मंगलवार को दोपहर दो बजे बैठक करने वाले हैं.
दरअसल बैठक के बाद ही किसान नेताओं ने अपना रुख साफ कर दिया था. किसान नेता दर्शन पाल ने कहा, सरकार को यह बात समझ आ गई है कि किसान संगठन कृषि क़ानूनों को रद्द किए बिना कोई बात नहीं करना चाहते हैं. हमसे पूछा गया कि क्या आप क़ानून को रद्द किए बिना नहीं मानेंगे, हमने कहा हम नहीं मानेंगे. वहीं, दूसरे नेता ने कहा, हमने बताया कि पहले कृषि क़ानूनों को वापिस किया जाए, MSP पर बात बाद में करेंगे. 8 तारीख तक का समय सरकार ने मांगा है. उन्होंने कहा कि 8 तारीख को हम सोचकर आएंगे कि ये क़ानून वापिस हम कैसे कर सकते हैं, इसकी प्रक्रिया क्या हो. Farmers Protest: बेनतीजा रही सरकार और किसानों के बीच हुई वार्ता, 8 जनवरी को अगली बैठक.
जबकि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं से मुलाकात के बाद कहा कि चर्चा का माहौल अच्छा था परन्तु किसान नेताओं के कृषि क़ानूनों की वापसी पर अड़े रहने के कारण कोई रास्ता नहीं बन पाया. 8 तारीख को अगली बैठक होगी. किसानों का भरोसा सरकार पर है इसलिए अगली बैठक तय हुई है. चर्चा जिस हिसाब से चल रही है, किसानों की मान्यता है कि सरकार इसका रास्ता ढूंढे और आंदोलन समाप्त करने का मौका दे.