नई दिल्ली:- नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ मंगलवार को किसानों का विरोध प्रदर्शन (Farmer Protest) 28वें दिन भी जारी है. नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन को करीब एक महीना होने वाला है. लेकिन अब तक केंद्र सरकार और किसान के बीच बातचीत के बाद भी मसले का हल नहीं निकला है. इस बीच 11 बजे सिंघु बॉर्डर पर एक बार फिर से किसान नेताओं की बैठक होगी. जिसके बाद केंद्र सरकार के चिट्ठी पर किसान संगठन फैसला लेंगे और उसका जवाब भेजेंगे. लेकिन अभी भी इस बात पर सस्पेंस बरकरार है कि किसान नेता सरकार से बातचीत करेंगे. दूसरी तरफ अब किसान नेता अपना आंदोलन और भी तेज करना शुरू कर दिया है.
मंगलवार के दिन दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर के पास किसानों ने गाजीपुर एंट्री-प्वाइंट को ट्रैक्टरों से पूरी तरह से बंद कर दिया है, जिससे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी थी. वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा है कि 23 तारीख को हम एक टाइम का खाना नहीं खाएंगे. 26 और 27 तारीख़ को दूतावासों के बाहर हमारे लोग प्रदर्शन करेंगे. 27 तारीख को प्रधानमंत्री ने जो मन की बात का कार्यक्रम रखा है उसका हम थालियां बजाकर विरोध करेंगे. Farmers Protest: नए कृषि बिल को लेकर जारी घमासान के बीच नरेंद्र सिंह तोमर बोले-मुझे आशा है कि जल्दी किसान चर्चा करेंगे और हम समाधान निकालने में सफल होंगे.
वहीं, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि कई किसान यूनियनों के लोगों ने बगैर किसी बदलाव के नए कृषि कानूनों का समर्थन किया है. नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच कानून का समर्थन करने वाल किसान संगठनों के लोग लगातार कृषि मंत्री से मिल रहे हैं.
इसी सिलसिले में इंडियन किसान यूनियन और किसान संघर्ष समिति के बैनर तले दो अलग-अलग किसान संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों ने यहां कृषि भवन में मंगलवार को एक ही समय केंद्रीय मंत्री तोमर से मुलाकात की.