लखनऊ: देशभर के किसान पिछले एक साल से तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में 19 नवंबर को गुरु नानक जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने देशवासियों को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करके आंदोलन कर रहे किसानों को सौगात दी. दरअसल, पीएम मोदी नेअपने अनोखे अंदाज में गुरुपर्व के दिन भारतीय नागरिकों को यह घोषणा करते हुए चौंका दिया कि जिन कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ वर्ग आंदोलन कर रहे हैं, उन्हें वापस ले लिया जाएगा. वहीं सोमवार को किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि मोदी सरकार को यह समझाने में एक साल लग गए कि ये कृषि कानून नुकसान पहुंचाने वाले हैं.
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को किसामन महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को मोदी सरकार को यह समझाने में एक साल लग गया कि तीनों कृषि कानून नुकसान पहुंचाने वाले हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा- अफसोस है कि इन कानूनों को वापस लेते समय भी इस सरकार ने किसानों को बांटने की कोशिश की. यह भी पढ़ें: कृषि कानून वापसी से बदलेगा नजरिया, विपक्ष को तालशने होंगे नये मुद्दे
यहां किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि उन्हें समझाने में हमें एक साल लग गया, हमने अपनी बात कही, लेकिन दिल्ली में चमचमाती कोठियों में बैठने वालों की दूसरी थी. जो हमसे बात करने आए, उन्हें यह समझने में 12 महीने लग गए कि यह कानून किसानों, गरीबों और दुकानदारों के लिए नुकसान पहुंचाने वाले हैं.