गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले के ओखा कस्बे से गुजरात एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने एक भारतीय नागरिक, दिनेश गोहिल, को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है. गोहिल पर भारतीय तट रक्षक और समुद्री सीमा से संबंधित संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी एजेंट्स को लीक करने का आरोप है. यह कार्रवाई गुजरात ATS द्वारा की गई एक और महत्वपूर्ण ऑपरेशन का हिस्सा है, जो दुश्मन देशों तक संवेदनशील जानकारी के लीक होने को रोकने के लिए की गई है.
जासूसी का खुलासा
ATS सूत्रों के मुताबिक, दिनेश गोहिल ने सोशल मीडिया और अन्य अज्ञात चैनलों के माध्यम से पाकिस्तान में अपने संपर्कों को भारतीय तट रक्षक और समुद्री गतिविधियों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की थी. जांच में यह भी पता चला कि गोहिल ने तटीय सीमा से जुड़ी तस्वीरें और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज पाकिस्तान भेजे थे.
गोहिल ने ओखा के पास एक निजी कंपनी में काम किया था, और उसे पाकिस्तान में कुछ व्यक्तियों के साथ संपर्क स्थापित करने का संदेह है. ATS अधिकारियों का कहना है कि वे यह जांच कर रहे हैं कि गोहिल ने यह जासूसी नेटवर्क कैसे स्थापित किया और क्या उसे पैसों के लालच या किसी साजिश के तहत इसका हिस्सा बनाया गया था.
एटीएस की निगरानी और गिरफ्तारी
ATS ने गोहिल की गतिविधियों पर कई दिनों तक निगरानी रखी थी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के दौरान यह पुष्टि हुई कि गोहिल ने भारतीय तट रक्षक के संचालन और समुद्री सुरक्षा प्रोटोकॉल से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की थी. एटीएस ने गोहिल के सहयोगियों से भी पूछताछ की है ताकि यह पता चल सके कि क्या वे भी इस गतिविधि में शामिल थे या उन्हें इस बारे में जानकारी थी.
पोरबंदर में पहले हुए जासूसी मामले का संदर्भ
यह मामला पिछले महीने पोरबंदर में हुए एक जासूसी मामले से जुड़ा हुआ है. वहां पर ATS ने एक और व्यक्ति, पंकज कोटिया, को गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर पाकिस्तानी एजेंट्स को भारतीय तट रक्षक की जानकारी लीक कर रहा था. कोटिया ने सोशल मीडिया के माध्यम से तट रक्षक की जेटी और भारतीय तट रक्षक नावों से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान के ऑपरेशनों तक भेजी थी. इसके बाद ATS ने कोटिया के खिलाफ आरोप दाखिल किए और उसकी गिरफ्तारी की, जिससे गुजरात के तटीय क्षेत्रों में निगरानी और बढ़ा दी गई.
जांच जारी और सुरक्षा बढ़ाने के प्रयास
ATS अब इस जासूसी नेटवर्क की पूरी सच्चाई उजागर करने के लिए काम कर रही है और उन व्यक्तियों की पहचान करने का प्रयास कर रही है जो इस नेटवर्क में शामिल हो सकते हैं. ओखा और पोरबंदर जैसे तटीय शहर पाकिस्तान के पास स्थित होने के कारण रणनीतिक महत्व रखते हैं, और इन्हें खुफिया एजेंसियों द्वारा लगातार निगरानी में रखा जाता है.
यह घटनाएं जासूसी के खतरे को उजागर करती हैं और सुरक्षा उपायों को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता को दर्शाती हैं. ATS अधिकारियों ने इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ाने और जनता को जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया है.
गुजरात एटीएस की यह कार्रवाई यह बताती है कि हमारी तटीय सुरक्षा प्रणाली में जागरूकता और सतर्कता का कितना महत्व है. जासूसी के मामलों को लेकर लगातार कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए, ताकि भारत की सुरक्षा से जुड़ी कोई भी संवेदनशील जानकारी दुश्मन देशों तक न पहुंचे.