EPFO खाताधारकों के लिए खुशखबरी, 2024-25 का ब्याज हुआ जमा, करोड़ों कर्मचारियों को मिला फायदा
The EPFO Has Started Crediting Interest For FY 2024-25

EPFO Interest: देश के करोड़ों ईपीएफओ (EPFO) खाताधारकों के लिए राहत की खबर है. केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ईपीएफ (EPF) खातों पर 8.25% ब्याज देने की मंजूरी दे दी है. इस सप्ताह केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने खाताधारकों के खातों में ब्याज राशि ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

एक हफ्ते में पूरा होगा ट्रांसफर

केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने जानकारी दी है, कि इस साल ब्याज ट्रांसफर की प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी कर ली जाएगी. इस प्रक्रिया के तहत देशभर के 33.56 करोड़ ईपीएफ खातों में ब्याज जमा किया जा रहा है.

कब मिली थी मंजूरी?

सरकार ने 22 मई 2025 को 8.25% ब्याज दर को मंजूरी दी थी. इसके बाद ईपीएफओ ने 6 जून 2025 से खातों में ब्याज जमा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. रिपोर्ट के अनुसार, 8 जुलाई 2025 तक लगभग 32.39 करोड़ खातों में ब्याज जमा किया जा चुका है. यह प्रक्रिया 13.86 लाख नियोक्ताओं (Employers) के लिए पूरी हो चुकी है.

लगभग सभी खातों में प्रक्रिया पूरी

अब तक ईपीएफओ ने 99.9% खातों की सालाना अपडेट प्रक्रिया पूरी कर ली है. यानी सिर्फ कुछ ही खाते बचे हैं, जिनमें आने वाले 8 दिनों में ब्याज जमा कर दिया जाएगा.

पिछली सालों में कितना मिला था ब्याज?

पिछले कुछ वर्षों में ईपीएफओ ने अपने सदस्यों को अलग-अलग दरों पर ब्याज दिया है. वित्त वर्ष 2023-24 और 2022-23, दोनों में ईपीएफओ ने 8.15% की दर से ब्याज दिया था. इससे पहले, वित्त वर्ष 2021-22 में यह ब्याज दर थोड़ी कम होकर 8.10% थी. वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 और इससे पहले तक ईपीएफओ खातों पर 8.5% का ब्याज दिया जाता था.

अगर पुराने रिकॉर्ड की बात करें, तो साल 1977-78 में भी ईपीएफओ ने 8.1% ब्याज दिया था. इससे पता चलता है, कि ब्याज दरों में समय के साथ कुछ उतार-चढ़ाव जरूर आया है, लेकिन सरकार और ईपीएफओ लगातार खाताधारकों को बेहतर रिटर्न देने की कोशिश करते रहे हैं.

सिस्टम अपग्रेड का असर

इस बार ब्याज ट्रांसफर की प्रक्रिया पहले की तुलना में तेज हुई है. मंत्री मांडविया ने बताया है, कि सिस्टम में किए गए सुधारों की वजह से यह प्रक्रिया इस साल जून महीने में ही काफी हद तक पूरी कर ली गई है, जबकि पिछली बार यह प्रक्रिया अगस्त में शुरू होकर दिसंबर तक चली थी.