नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने दिल्ली (Delhi) की केजरीवाल सरकार की तरह ही केंद्र में बैठी भाजपा (BJP) सरकार से भी महिलाओं के लिए योजना लाने की मांग की है, ताकि देश की आधी आबादी को सशक्त बनाया जा सके. "आप " की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ (Priyanka Kakkad) ने कहा कि दिल्ली के बेटे अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दिल्ली के बजट में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत 18 साल से ऊपर की हर बहनों को एक-एक हजार रुपए देने का एलान कर महिला सशक्तिकरण की तरफ बहुत बड़ा कदम बढ़ाया है. Delhi Weather Update: दिल्ली में अधिकतम तापमान 24.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया
महंगाई के इस दौर में केजरीवाल सरकार द्वारा मुफ्त पानी, बिजली और बसों में सफर की सुविधा पहले से दी जा रही है, अब हजार रुपए महीना और मिलने से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा और घर खर्च को लेकर उनकी चिंता भी कम होगी. दूसरी तरफ, मोदी सरकार के बजट में महिला सशक्तिकरण को लेकर कोई योजना नहीं होती है. इसके बाद भी देश के ऊपर लगभग 200 लाख करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ गया है. "आप" की सलाह है कि मोदी सरकार अपने दोस्तों की जेबें भरना बंद करे और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान दे, क्योंकि केंद्र की अभी जो नीतियां हैं, उसमें अमीर और अमीर, गरीब और गरीब होता जा रहा है.
आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि सोमवार को दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने रामराज्य से प्रेरित देश के आगे दिल्ली का 10वां बजट रखा. इस बजट में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर वर्ग का ख्याल रखा गया था. ये बजट ज्यादा महत्वपूर्ण इसलिए भी है, क्योंकि केंद्र सरकार, दिल्ली को संवैधानिक रूप से उसके हक का अनिवार्य फंड नहीं देती है. जबकि दिल्ली के ईमानदार और मेहनती लोग टैक्स देने के मामले में पूरे देश में दूसरे नंबर पर हैं.
केंद्र सरकार, दिल्ली के काम में केवल अड़चने और बाधाएं पैदा करती है. ये कभी अपने अफसरों द्वारा हमारी योजनाओं की फंडिंग रोक लेते हैं, तो कभी एलजी साहब हमारी पॉलिसी की फाइल को अपने पास लंबे समय तक रोकते हैं या उनमें देरी करते हैं. केंद्र की भाजपा सरकार और एलजी साहब को अब यह समझ जाना चाहिए कि सीएम अरविंद केजरीवाल रुकने वाले नहीं है, बल्कि वो चुनौतियां का डट कर सामना करने वालों में हैं. हमें इस बात का दुख जरूर है कि जो योजनाएं 5 साल में पूरी हो सकती थी, वो केंद्र सरकार द्वारा जानबूझ कर अड़चनें पैदा करने की वजह से 9 साल में पूरी हो रही हैं.
"आप" की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि एक महिला होने के नाते इस साल दिल्ली के बजट में हमारे लिए दो मुख्य बिंदु रहे हैं. जिसमें एक लक्ष्य पूरा कर लिया गया है और दूसरा हम पूरा करने वाले हैं. 2014 से 2024 तक हमनें दिल्ली की महिलाओं में 90 फीसदी तक कुपोषण को कम किया है, जोकि बहुत बड़ी बात है. हमने यह उपलब्धि दिल्ली में आंगवाड़ी केंद्रों में काम करने वाली 10,800 महिलाओं की मदद से हासिल की है. हमने स्कूल में मिलने वाले मिड डे मील के जरिए यह सुनिश्चित किया कि हर गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला तक उच्च प्रोटीन युक्त आहार पहुंचे.
सीएम अरविंद केजरीवाल की नीतियों के तहत हमने शीर्ष स्तर के पोषण विशेषज्ञों की मदद से इन महिलाओं के लिए डाइट प्लान तैयार किया, जिन्हें आंगनबाड़ी की महिलाओं ने आगे पहुंचाया. सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी की तरह ये नहीं कहा कि महिलाएं अपने फिगर को लेकर चिंतित रहती हैं और खाना नहीं खाती हैं, इसलिए वो कुपोषित हैं. सीएम अरविंद केजरीवाल ने मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारों की तरह बच्चों के मीड डे मील के फंड से अपनी जेब भरकर बच्चों को नमक रोटी नहीं खिलाया.
"आप" की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अब "केजरी- नॉमिक्स" के तहत हमने महिलाओं का असल मायनों में सशक्तिकरण करने के लिए मुख्यमंत्री महिला सम्मान राशि की महत्वपूर्ण घोषणा की है. जिसके तहत 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी दिल्ली की हर महिला को सीएम अरविंद केजरीवाल एक हजार रुपए प्रतिमाह देंगे. जब महिलाओं की जेब में पैसा होगा तो उनमें आत्मविश्वास पैदा होगा.
दिल्ली में कई सारी महिलाएं घरेलू सहायिका और अन्य मजदूरी का काम करती हैं, जिनकी मदद करने के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार फ्री बिजली, पानी और बस सेवा देती है. इसकी वजह से उनकी हर महीने लगभग 4 से 5 हजार रुपए की बचत हो जाती है. अब आम आदमी पार्टी सरकार की तरफ से हर महीने हजार रुपए मिलने से महिलाओं की स्थिति और मजबूत होगी. जिससे इस महंगाई के दौर में उन्हें घर चलाने में थोड़ी और राहत होगी. कई महिलाएं अपनी परिवारों की जरूरतों को आगे रखते हुए अपने लिए एक साड़ी तक नहीं खरीद पाती हैं, लेकिन अब यह हजार रुपए महिलाएं अपनी जरूरतों पर खर्च कर पाएंगी.
"आप" की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि दिल्ली के बेटे अरविंद केजरीवाल ने असल मायनों में महिला सशक्तिकरण की ओर कदम उठाया है. वहीं दूसरी ओर केंद्र की बीजेपी सरकार ने एक बजट पेश किया, जिसमें देश के ऊपर लगभग 200 लाख करोड़ रुपये का कर्जा है, लेकिन देश की महिलाओं के लिए कोई योजना नहीं है. मोदी सरकार की नीतियों से अमीर और अमीर होता जा रहा है, गरीब और गरीब होता जा रहा है.
बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी को अपने दोस्तों की जेबें भरना बंद करना चाहिए और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अरविंद केजरीवाल जैसी योजनाओं को लागू करना चाहिए. अरविंद केजरीवाल की गारंटी प्रधानमंत्री मोदी की तरह जुमला नहीं है. उन्होंने लोगों से जितने वादे किए, उससे बढ़कर लोगों के लिए कई सारी योजनाएं चलाई हैं. बजट में एलान की गई यह योजना हमारे मेनिफेस्टो में शामिल नहीं थी और न तो हमने वादा किया था. फिर भी हमारी सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हजार रुपए महीना देने जा रही है.