नई दिल्ली, 13 नवंबर : दिल्ली के एमसीडी चुनाव में कांग्रेस को पारंपरिक मतदाता आधार से समर्थन की उम्मीद है. अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और मुसलमानों से अपेक्षित समर्थन पार्टी को मिल सकता है. लगातार बीजेपी से हारने के बावजूद पार्टी ने नगर निगम में अपनी उपस्थिति आज भी बनाई हुई है. दूसरी ओर दिल्ली में किसी अच्छे राजनीतिक चेहरे का ना होना, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में लगातार गुटबाजी और आपसी मनमुटाव और राहुल गांधी का भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त होना, शीर्ष नेतृत्व का नगर निगम चुनाव की तरफ ध्यान ना देना, इस तरह की चीजें हालांकि कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं.
दिल्ली में 4 दिसंबर को नगर निगम का चुनाव है. ऐसे में हर पार्टी अपना जोर लगा रही है और हर पार्टी की ताकत भी होती है और कमजोरियां भी. एक तरफ जहां दिल्ली नगर निगम चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी और चंद्रशेखर आजाद की पार्टी साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी, जिससे कांग्रेस को नुकसान पहुंच सकता है जो पहले से ही अपने गिरते अस्तित्व के चलते अपने आप को उभारने में लगी हुई है. इस नगर निगम चुनाव में कांग्रेस पार्टी की क्या कमजोरियां है और क्या ताकत है -- एक विश्लेषण. यह भी पढ़ें : आर्मी डिजाइन ब्यूरो के क्षेत्रीय प्रौद्योगिकी नोड का शुभारंभ कल बेंगलुरु में किया जाएगा
कांग्रेस की ताकत
1- कांग्रेस के पारंपरिक मतदाता आधार से समर्थन की उम्मीद - अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और मुसलमानों से अपेक्षित समर्थन
2- लगातार बीजेपी से हारने के बावजूद, पार्टी ने नगर निगम में अपनी उपस्थिति आज भी बनाई हुई है
3- अगर कांग्रेस (क्षत्रिय, हरिजन, और मुस्लिम) वोटों पर ध्यान केंद्रित करती है और असंतुष्ट ठाकुर, ब्राह्मण, गुज्जर समुदाय का समर्थन हासिल करने में सफल रहती है तो बीजेपी को कुछ हद तक टक्कर दे सकती है
4- जातियों और समुदायों के संयोजन को अहमद पटेल द्वारा एक जीत के फामूर्ले के रूप में तैयार किया गया था और अतीत में यह कांग्रेस के काम आया है
कांग्रेस की कमजोरियां
1- दिल्ली राज्य स्तर पर मजबूत नेताओं की कमी
2- राज्य इकाई में गुटबाजी और अंदरूनी कलह
3- बहुत सारे ऐसे वार्ड हैं जो कांग्रेस दिल्ली नगर निगम में आज तक जीत ही नहीं पाई
4- पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त होने के कारण, राज्य इकाई को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की नगर निगम चुनाव को लेकर कोई खास रूचि नहीं दिख रही
5- पिछले 10 वर्षों में कई छोटे-छोटे कांग्रेस नेता जो नगर निगम चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे, पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं
कांग्रेस के लिए अवसर
1- कांग्रेस को इस बात से राहत मिल सकती है कि आम आदमी पार्टी नगर निगम में बीजेपी का खूब वोट काटेगी
2- कांग्रेसी नेताओं को उम्मीद है कि वाडरें में उसके कार्यकर्ता और नेताओं द्वारा 'चुपचाप' किए जा रहे कार्यों से निगम चुनाव में लाभ मिलेगा
कांग्रेस के लिए जोखिम
1- आप और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), चंद्रशेखर आजाद की पार्टी द्वारा इस बार नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के जनाधार में सेंध लगाने की जोरदार कोशिश
2- चुनाव हारने पर छोटे-छोटे कांग्रेस कार्यकर्ताओ और नेताओं के कांग्रेस छोड़ने की आशंका