बिहार (Bihar) के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में चमकी बुखार से मरने वाले सिलसिला कहीं थमता नहीं दिख रहा है. मरने वाले बच्चों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. अब तक चमकी बुखार 'एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम' (Acute Encephalitis Syndrome) से मरने वालों की संख्या 93 हो गई है. रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन (Dr Harsh Vardhan) बिहार के अस्पताल पहुंचे. यहां हालात इतने भयावह हैं कि जायजा लेने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री के सामने ही पांच साल की बच्ची ने इस बीमारी से दम तोड़ दिया. बच्ची की मां के मुताबिक बच्ची की मौत चमकी बुखार के कारण हुई है. वह 5 साल की थी. उसका नाम निशा है और वह राजेपुर की रहने वाली थी.
बता दें कि हालात का जायजा लेने के लिए डॉ हर्षवर्धन मुजफ्फरपुर में हैं. डॉ हर्षवर्धन के साथ स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भी अस्पताल पहुचें. उन्होंने मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की.
Bihar: Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) in Muzaffarpur rises to 93. pic.twitter.com/AI1RzBkjpi
— ANI (@ANI) June 16, 2019
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वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों के परिवार को 4 लाख रुपए सहायता राशि देने की घोषणा की है. इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग, जिला प्राशसन और डॉक्टरों को इस बीमारी से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है.
बच्चों को चपेट में लेती है यह बीमारी
बता दें कि पिछले दो दशकों से यह बीमारी मुजफ्फरपुर सहित राज्य के कई इलाकों में होती है, जिसके कारण अब तक कई बच्चे असमय काल के गाल में समा चुके हैं. परंतु अब तक सरकार इस बीमारी से लड़ने के कारगर उपाय नहीं ढूढ़ पाई है. कई चिकित्सक इस बीमारी को 'एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम' बताते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक इस बुखार से पीड़ित और मरने वाले सभी बच्चों की उम्र 5 से 10 साल के बीच की है.