कोलकाता, 25 मार्च: पश्चिम बंगाल (West Bengal) सरकार के शिक्षा विभाग ने 10 मार्च को एक दिन की हड़ताल में भाग लेने के लिए विभिन्न सरकारी स्कूलों के 766 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जिसे राज्य सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच द्वारा राज्य सरकार द्वारा महंगाई भत्ते (डीए) के बकाया का भुगतान न करने के विरोध में बुलाया गया था. शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि विभाग के पास उस दिन की उपस्थिति के रिकॉर्ड की जांच के बाद यह आंकड़ा निकाला गया है. शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभाग द्वारा स्कूल दर स्कूल सर्वेक्षण किए जाने के बाद, बाद में संख्या बढ़ सकती है. यह भी पढ़ें: Tuberculosis: कोलकाता में टीबी ने बढ़ाई टेंशन, 2022 में सामने आए 13,316 मामले
एक अधिकारी के अनुसार, इन 766 शिक्षकों ने हड़ताल में भाग लिया और 10 मार्च को पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के निर्देश की अनदेखी करते हुए ड्यूटी से अनुपस्थित रहे. डब्ल्यूबीबीएसई के आदेश के अनुसार, आपातकालीन या पूर्व-स्वीकृत अर्जित अवकाश या मातृत्व अवकाश के मामलों को छोड़कर अपने संबंधित स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य थी.
शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस प्राप्त होने के सात दिनों के भीतर अनुपस्थिति को उचित ठहराते हुए संतोषजनक स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है, यदि ऐसा करने में शिक्षक विफल रहते हैं तो विभाग उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करेगा.