तूफान ‘तितली’ के विनाश से उबरने के लिए CM चंद्रबाबू नायडू ने मांगे 1200 करोड़ रुपए
बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करते हुए CM चंद्रबाबू नायडू (Photo credits: Twitter)

अमरावती: चक्रवाती तूफान तितली और उसके साथ आई बाढ़ से हुई बर्बादी से उबरने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार से 1200 करोड़ रुपये की मांग की है. बता दें कि चक्रवात तितली की वजह से अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है. अभी भी राहत एवं बचाव कार्य चल रहा है. इसकी वजह से सड़क, दूरसंचार नेटवर्क और बिजली आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई है.

सीएम चंद्रबाबू नायडू ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर आंध्रप्रदेश के लिए दो मांगे रखी हैं. उन्होंने एक पत्र में तितली से प्रभावित राज्य के लिए 1200 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत मांगी है जबकि दूसरे पत्र में आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम समेत लंबित मुद्दों के समाधान के लिए केंद्रीय गृहमंत्री के हस्तक्षेप की मांग की है.

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को आंध्र प्रदेश के दौरे पर गए थे. एक कार्यक्रम में बोलते हुए सिंह ने तितली तूफान से हुए नुकसान से प्रदेश को उबारने के लिए केंद्र द्वारा हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा है कि तितली तूफान से आंध्र प्रदेश को हुए नुकसान से उबारने के लिए केंद्र सरकार हरसंभव सहयोग दे रही है.

वहीं संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश में ‘तितली’ चक्रवात से भूस्खलन और बाढ़ में हुई जान-माल की क्षति पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र भारत सरकार को इस आपदा से निपटने के लिए मदद देने को तैयार है.

गुतारेस के प्रवक्ता की ओर से जारी एक बयान में बताया गया, “ ओडिशा और आंध्र प्रदेश में चक्रवात ‘तितली’ की वजह से भूस्खलन और बाढ़ में मारे गए और घायल लोगों की खबरों से महासचिव दुखी हैं. संयुक्त राष्ट्र भारत सरकार के साथ है और इस आपदा से निपटने के लिए मदद को तैयार है.”

आंध्र प्रदेश में तितली ने 11 अक्टूबर को दस्तक दी थी. चक्रवाती तूफान ने सबसे ज्यादा श्रीकाकुलम और विजयनगरम जिलों में तबाही मचाई. इस दौरान प्रति घंटे 165 किलोमीटर की रफ्तार से तूफानी हवाएं चल रही थीं और विभिन्न इलाके में 10 सेमी से लेकर 43 सेमी तक बारिश हुई. सूबे के मुख्यमंत्री की मानें तो चक्रवात तितली से करीब 2800 करोड़ रुपये की संपत्ति, फसलों और आधारभूत संरचनाओं को नुकसान हुआ है.