लखनऊ, 29 अक्टूबर : यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज के दौर में साइबर सिक्योरिटी अहम विषय है. पुलिस परिक्षेत्र के बाद अब प्रदेश के हर जिले में एक साइबर क्राइम थाना की स्थापना की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को गृह विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में पुलिस अग्निशमन, महिला सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. बैठक में माननीय मंत्री नगर विकास अरविंद कुमार शर्मा की उपस्थिति भी रही. इस दौरान बढ़ रहे साइबर क्राइम को रोकने के लिए हर जिले में एक साइबर क्राइम का थाना स्थापित करने का निर्णय लिया है. कहा कि इस बारे में यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें.
कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के संकल्प की पूर्ति में सेफ सिटी परियोजना अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है. प्रदेश में इस परियोजना के माध्यम से लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत मॉडर्न कंट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केंद्र, सीसीटीवी कैमरे, महिला थानों में परामर्शदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन व अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में सहायता मिली है. यह भी पढ़ें : मुंबई-गांधीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन गुजरात में गाय से टकराई, एक महीने में तीसरी घटना
उन्होंने कहा कि हाल के समय में महिला सुरक्षा व अपराध नियंत्रण में सीसीटीवी कैमरों की महत्वपूर्ण भूमिका का हम सभी ने अनुभव किया है. वर्तमान में स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत स्थापित इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था स्मार्ट हुई है. बड़ी संख्या में व्यापारीगणों ने सीसीटीवी कैमरे लगाने में सहयोग किया है. हमें इसे एक मुहिम का रूप देना होगा. अंतर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन करते हुए अधिकाधिक शहरों को सेफ सिटी बनाने की कोशिश करनी होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध निर्माण, खरीद-फरो़ख्त और ड्रग ट्रैफिकिंग के विरुद्ध अभियान को और तेज करने की आवश्यकता है. इस ²ष्टि से संवेदनशील जिलों में सतर्कता और इंटेलिजेंस को और बेहतर करना होगा. अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ाई जाए. गृह विभाग के साथ-साथ नगर विकास व ग्राम्य विकास विभाग को भी इस अभियान में सहयोग करना होगा.
कहा कि उत्तर प्रदेश, नेपाल राष्ट्र के साथ-साथ उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार और दिल्ली से अपनी सीमा साझा करता है. विकास और सुरक्षा के ²ष्टि से सीमा प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है. सीमावर्ती जिलों में थाना, तहसील, विकास खंड सहित जिला प्रशासन में युवा, विजनरी, और ऊजार्वान अधिकारियों की तैनाती की जाए. यहां सभी विभागों में पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता रहे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सीमावर्ती जनपदों में केंद्र व राज्य सरकार की लाभार्थीपरक योजनाओं का 100 फीसद संतृप्तिकरण सुनिश्चित करें. हर पात्र जरूरतमंद को सरकार की योजनाओं का लाभ जरूर मिले. इन जिलों में योजनाओं की प्रगति की अलग से समीक्षा की जानी चाहिए. कहा कि सीमावर्ती जिलों में प्रदेश की पुलिस व एसएसबी के दल के साथ जॉइन्ट पेट्रिलिंग कराई जाए. एसएसबी के साथ बेहतर समन्वय बनाये रखें. योगी ने कहा कि लखनऊ में निमार्णाधीन फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट के कार्य में तेजी की अपेक्षा है. गांधीनगर, गुजरात स्थित नेशनल फॉरेंसिक यूनिवेसर्टी के सहयोग से यहां के लिए सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व डिग्री पाठ्यक्रम तैयार कराये जाएं.