COVID-19: यूपी में कोरोना लक्षण सामने आने के कुछ ही घंटों में चार की मौत
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

लखीमपुर खीरी , 22 अप्रैल : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी में पिछले 24 घंटों में कोविड के लक्षण विकसित होने के कुछ ही घंटों के अंदर चार लोगों की मौत होने से जिले में डर और दहशत का माहौल है. पहले मामले में 28 वर्षीय एक महिला मंगलवार को छाती से संबंधित परेशानी के कारण अपनी मां को इलाज के लिए लखनऊ (Lucknow) ले जा रही थी. वह अपनी मां को भर्ती करने के लिए अस्पताल ढूंढ रही थी कि इससे पहले उनकी मृत्यु हो गई. उनके शव को लखनऊ के एक अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी कोरोना जांच हुई और उनका परीक्षण पॉजिटिव आया था.

इस बीच महिला बुधवार सुबह अपनी मां के शव को लखीमपुर खीरी वापस ले जा रही थी तभी लड़की की सांस लेने में तकलीफ के कारण एंबुलेंस में ही मौत हो गई. दूसरे मामले में 42 साल के आयकर अधिकारी बुखार होने के कुछ घंटों बाद ही मर गए. उन्हें छाती में दर्द होने के बाद लखीमपुर खीरी में सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर एक घंटे के अंदर ही उनका निधन हो गया. तीसरे मामले में एक भोजनालय के मालिक को निमोनिया होने से अस्पताल में भर्ती कराने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई. चौथे मामले में एक स्कूल के वाइस प्रिंसिपल सीने में दर्द का इलाज घर पर ही करा रहे थे कि तेज बुखार होने से उनका एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. उनका कोरोना परीक्षण पॉजिटिव नहीं था. पिछले हफ्ते, तीन भाइयों की तेज बुखार से कुछ ही घंटों के अंदर मौत हो गई. डॉक्टर अस्पताल में जबतक इन्हें देखते, तीनों का देहांत हो गया था. यह भी पढ़ें : COVID-19 Vaccine Registration: 24 अप्रैल से 18 साल से ज्यादा उम्र के लोग ऐसे करवाएं वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन, इन डाक्यूमेंट्स की पड़ेगी जरुरत

उनके नमूने लिए गए हैं. एक रिश्तेदार ने कहा, "हमें अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. हमें नहीं पता कि मेरे चचेरे भाई की मौत कोविड-19 से हुई है या नहीं." बुधवार को जिले में आधिकारिक कोविड-19 से मौतों की संख्या 2 थी.

लखीमपुर खीरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मनोज अग्रवाल ने कहा, "बुधवार को जिले में कोरोना के कारण दो की मौत की पुष्टि की गई है." इस बीच जिले के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि ऐसे मामलों का तेजी से उभरना एक विस्तृत शोध की तरफ इशारा करता है. उन्होंने कहा,"अगर मरीजों की मौत कोविड के कारण हुई हो , तो भी घंटे भर में मौत होना खतरनाक है. अब तक लगभग एक दर्जन ऐसी मौतें हुई हैं और हमें बिना देरी किए इस मुद्दे को उठाने की जरूरत है."