Mumbai: मॉल, रेलवे स्टेशन, बस डिपो और मार्केट जैसी भीड़भाड़ वाले स्थानों पर बिना सहमति के होगा कोरोना टेस्ट, इनकार करने वालों के खिलाफ BMC लेगी एक्शन
कोरोना वायरस का कहर (Photo Credits: ANI)

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में एक बार फिर कोविड-19 (COVID-19) महामारी का प्रकोप शुरू हो चुका है. जिस वजह से केंद्र और राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है. मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार रोकने के लिए बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) ने कड़ा फैसला लिया है. इसके तहत अब सार्वजानिक स्थानों पर लोगों की रैंडम टेस्टिंग की जाएगी और कोरोना टेस्ट से इनकार करने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा. COVID-19 Spike: कोरोना कैपिटल बना मुंबई, 6 दिन में 13 हजार से अधिक मामले, 305 बिल्डिंग हुई सील

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक बीएमसी (BMC) मॉल, रेलवे स्टेशन, बस डिपो, बाजार, पर्यटन स्थल, सरकारी कार्यालयों जैसे भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर लोगों की सहमति के बिना ही रैंडम एंटीजन टेस्ट करेगी. यदि कोई व्यक्ति कोविड-19 टेस्ट कराने से इनकार करता है, तो उसके खिलाफ बृहन्मुंबई महानगरपालिका महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगी.

देश में कोरोनावायरस का पहला मामला सामने आने के बाद से मुंबई में शुक्रवार को पहली बार एक ही दिन में 3,000 से अधिक कोविड-19 मामले दर्ज किए गए हैं. मुंबई के साथ ही पूरे प्रदेश में ही कोरोना का कहर जारी है. मुंबई में 24 घंटों के दौरान 3,063 नए मामले सामने आए, जिसके बाद शहर में कुल मामलों की संख्या 355,914 तक पहुंच गई, जिससे नागरिक स्वास्थ्य अधिकारियों को झटका लगा. हाल ही में सरकार ने सभी सिनेमा हॉल, ऑडिटोरियम, ड्रामा हॉल आदि को केवल 50 प्रतिशत की क्षमता पर संचालित करने और सभी मानदंडों का पालन करने का आदेश दिया है.

इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चेतावनी दी है कि भविष्य में लॉकडाउन ही एक विकल्प है. दूरदराज के आदिवासी इलाकों में चल रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम की समीक्षा के बाद नंदुरबार में ठाकरे ने मीडियाकर्मियों से कहा, "लॉकडाउन भविष्य के लिए एक विकल्प है, क्योंकि मैं इसे देख सकता हूं. लेकिन मैं सभी लोगों से स्वैच्छिक सहयोग की उम्मीद करता हूं." उन्होंने कहा, "अब एक साल हो गया है और हम महामारी से जूझ रहे हैं. हमने इसे नियंत्रण में लाया है, लेकिन अब अचानक उछाल आया है, जो चिंता का विषय है."