कोरोना वायरस (Coronavirus) का संकट देश में तेजी से बढ़ रहा है. जहां पिछले दो से तीन दिनों में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है. वहीं राजस्थान के भीलवाड़ा से एक उम्मीदों से भरी खबर सामने आई है. जहां पर कोरोना वायरस से संक्रमित 27 मरीजों में 17 ठीक हो गए हैं. उन्हें डिस्चार्ज कर दिया है. भीलवाड़ा में किए गए उपायों की तारीफ कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने की है. ठीक इसी तरह का कदम अब सरकार देश में भी उठा सकती है. दरअसल जब कोरोना वायरस ने अपना कहर बरपाना शुरू किया था. उसी समय भीलवाड़ा में दो डॉक्टर भी वायरस से संक्रमित पाए गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टरों के संपर्क में तकरीबन बांगड़ अस्पताल में 6 हजार लोग आए थे. इस खबर के पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. मौके कि नजाकत को समझते हुए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन हरकत में आया और भीलवाड़ा में कर्फ्यू लगा दिया.
इस दौरान भीलवाड़ा में प्रशासन ने आनन-फानन में मेडिकल टीम का पूरा काफिला खड़ा कर दिया. उसके बाद घर-घर जाकर स्क्रीनिंग का काम शुरू किया गया. महज 10 दिनों के भीतर 18 लाख लोगों की स्क्रीनिंग का काम किया गया. वहीं सर्दी-जुकाम से पीड़ित लोगों को तुरंत क्वारनटीन किया गया. इस दौरान भीलवाड़ा के अंदर मीडिया, नेताओं और समाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की इंट्री पर बैन लगा दिया गया. वहीं पुलिस और अधिकारीयों की टीम से भी कुछ ही अधिकारी भीलवाड़ा में जाया करते थे. वहीं लोगों की सेवा में लगे डॉक्टर और मेडिकल टीम का प्रशासन ने मनोबल को उंचा रखा और हौसलाअफजाई करते रहे. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान जिम्मेदारी पूर्वक रखा गया.
भीलवाड़ा में 2 अप्रैल के बाद से अब तक कोई भी कोरोना पॉजिटिव का मामला सामने नहीं आया है. वहीं इस सफलता के बाद भीलवाड़ा में प्रशासन किसी प्रकार का लापरवाही बरतने के मूड में नजर नहीं आ रही है. यही कारण है कि लॉकडाउन की स्थिति को जस का तस कायम रखने का फैसला लिया गया है. बता दें कि भीलवाड़ा मिली सफलता मिलने के बाद केंद्र सरकार की भी नजर इस प्रक्रिया पर है.
वहीं सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा था कि राज्य सरकार ने सही समय पर सही फैसले लिए हैं. पूरे देश में राजस्थान सरकार के इन कदमों की सराहना की जा रही है. COVID19 का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से किए गए उपायों की सराहना केन्द्र सरकार ने भी की है.