कोरोना वायरस: एयर इंडिया के विशेष विमान से वुहान से 324 भारतीयों को लाया गया, जांच जारी
कोरोनावायरस (Photo Credits: IANS)

Coronavirus: एयर इंडिया (Air India) का बी747 विमान चीन में कोरोना वायरस से प्रभावित वुहान शहर से 324 भारतीय नागरिकों को लेकर शनिवार सुबह यहां पहुंचा. अधिकारियों ने बताया कि विमान सुबह साढ़े सात बजे दिल्ली पहुंचा. एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने बताया कि विमान में राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के पांच चिकित्सक और एक पराचिकित्सक कर्मी सवार थे.

भारतीय सेना ने चीन के हुबेई प्रांत से लाए गए लोगों को अलग-थलग रखने के लिए दिल्ली के निकट मानेसर में एक केंद्र स्थापित किया है. अधिकारियों ने बताया कि चिकित्सकों और अन्य कर्मियों की एक योग्य टीम दो सप्ताह तक इन लोगों पर नजर रखेगी कि किसी में संक्रमण का कोई लक्षण तो नहीं दिख रहा. कोरोना वायरस: चीन के वुहान शहर से देर रात लौट रहे 366 भारतीय, ITBP कैंप में किया गया ठहरने का इंतजाम

एयर इंडियाके प्रवक्ता ने शनिवार रात एक बजकर 19 मिनट पर कहा था, ‘‘324 यात्रियों के साथ विशेष विमान वुहान से भारत के लिए रवाना हुआ. वह दिल्ली सुबह साढ़े सात बजे पहुंच सकता है.’’

इससे पहले वुहान से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए एयर इंडियाका 423 सीटों वाला बी747 विमान शुक्रवार को दिल्ली हवाई अड्डे से दोपहर एक बजकर 17 मिनट पर रवाना हुआ था.

विमान के उड़ान भरने के बाद एयर इंडियाके प्रवक्ता ने बताया कि वुहान से भारतीयों को वापस लाने के लिए एक अन्य विशेष उड़ान शनिवार को दिल्ली हवाई अड्डे से रवाना हो सकती है.

प्रवक्ता ने शुक्रवार की उड़ान के बारे में कहा था, ‘‘विमान में आरएमएल के पांच चिकित्सकों की एक टीम, एयर इंडियाका एक पैरामेडिकल कर्मी के साथ ही चिकित्सकों द्वारा निर्धारित दवाएं, मास्क, ओवरकोट, डब्बाबंद खाद्य पदार्थ हैं. इसके साथ ही इस विशेष विमान में इंजीनियरों, सुरक्षाकर्मियों की एक टीम भी मौजूद है. इस पूरे अभियान का नेतृत्व कैप्टन अमिताभ सिंह, निदेशक (अभियान), एयर इंडियाद्वारा किया जा रहा है.’’

प्रवक्ता ने बताया था कि शुक्रवार की उड़ान में पांच कॉकपिट क्रू सदस्य और 15 केबिन क्रू सदस्य मौजूद थे.

एयर इंडियाके चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अश्वनी लोहानी ने शुक्रवार को कहा था, ‘‘विमान में कोई सेवा नहीं दी जाएगी. जो भी खाद्य पदार्थ होंगे वह सीट पॉकेट में रखे होंगे. चूंकि कोई सेवा नहीं होगी तो (चालक दल के सदस्यों और यात्रियों के बीच) कोई संपर्क भी नहीं होगा.’’

सरकार ने चीन के हुबेई प्रांत में रहने वाले 600 भारतीय लोगों से यहां वापस लौटने की इच्छा जानने के लिए संपर्क किया था. चीन का हुबेई प्रांत इस विषाणु से सबसे अधिक प्रभावित है.