हैदराबाद एनकाउंटर (Hyderabad Encounter) के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे (CJI Sharad Arvind Bobde) ने बड़ा बयान देते हुए कहा, न्याय को कभी बदले का रूप नहीं लेना चाहिए. अगर न्याय बदले का रूप ले ले तो वो न्याय नहीं है. सीजेआई ने कहा, न्याय अगर बदले की भावना से किया जाए तो वह अपना मूल चरित्र खो देता है. न्याय कभी भी आनन-फानन में किया नहीं जाना चाहिए. सीजेआई ने कहा, ''हाल की घटनाओं ने एक पुरानी बहस को नई मजबूती से दोबारा छेड़ दिया है. इस बात पर कोई शक नहीं है कि क्रिमिनिल जस्टिस सिस्टम को अपनी स्थिति के बारे में दोबारा विचार करना चाहिए, इस बात पर विचार करना चाहिए कि किसी मामले को निपटना में कितना टाइम लग रहा है.
सीजेआई ने कहा, मुझे नहीं लगता कि न्याय कभी भी त्वरित हो सकता है या होना चाहिए. न्याय को कभी बदले का रूप नहीं लेना चाहिए. अगर न्याय बदले का रूप ले ले तो वो न्याय नहीं है.'' सीजेआई ने जोधपुर में एक कार्यक्रम में यह कहा.
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न्याय बदले की भावना से नहीं लिया जाना चाहिए-
#WATCH: Chief Justice of India (CJI) Sharad Arvind Bobde: I don't think justice can ever be or ought to be instant. And justice must never ever take the form of revenge. I believe justice loses its character of justice if it becomes a revenge. pic.twitter.com/oKIHKecHqt
— ANI (@ANI) December 7, 2019
बता दें कि सीजेआई ने हैदराबाद एनकाउंटर के बाद यह टिप्पणी की है. हैदराबाद में शुक्रवार तड़के एक एनकाउंटर में पुलिस ने रेप के महिला डॉक्टर गैंगरेप और मर्डर के चारों आरोपियों को ढेर कर दिया था. पुलिस ने बताया कि जब वह आरोपियों को लेकर घटनास्थल पर सीन को रीक्रिएट करने पहुंची थी, उसी समय इन आरोपियों ने भागने की कोशिश की. पुलिस के मुताबिक चारों आरोपियों ने मौके से भागने की कोशिश की, पुलिस पर भी हमला किया. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने चारों आरोपियों को मार गिराया.