नई दिल्ली, 20 मार्च : 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन' योजना पर केंद्र सरकार (central government) की रोक के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को योजना का नाम हटाने का निर्देश दिया है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम योजना को कोई नाम नहीं देंगे, लेकिन गरीबों के घर राशन पहुंचाएंगे. अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) ने 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' को लेकर कहा कि 25 मार्च से दिल्ली में बहुत ही क्रांतिकारी योजना, 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' चालू होने जा रही थी. अभी तक लोगों को राशन की दुकानों के जरिए राशन मिलता था. लोगों को राशन लेने में तरह-तरह की तकलीफें होती थीं. लोगों को लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ता था. राशन की कई दुकानें महीने में दो-तीन दिन ही खुलती हैं. मिलावट और ज्यादा पैसे लेने की शिकायत भी आती है. यह भी पढ़े: पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष पर बोला हमला, कहा- स्थिरता की बात करने से पहले ISI को नियंत्रित करो
केजरीवाल ने कहा, "हमारा मकसद नाम चमकाना नहीं, बल्कि गरीबों की मदद करना है. सारा काम, सारी जिम्मेदारी हमारी है, सारा क्रेडिट उनका होगा. केंद्र सरकार को 'मुख्यमंत्री' शब्द से आपत्ति है. हम योजना को कोई नाम नहीं देंगे. मुझे उम्मीद है इसके बाद केंद्र की आपत्ति दूर हो गई होगी. अब उन्हें योजना को लागू करने की अनुमति दे देनी चाहिए. हम कैबिनेट में इस निर्णय को पास करा कर इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजेंगे. उम्मीद है कि केंद्र से पूरा सहयोग मिलेगा."
सीएम ने कहा कि हम अपना नाम चमकाने या श्रेय लेने के लिए योजना नहीं लाए हैं. लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए योजना लाई गई थी, लेकिन केंद्र सरकार के आदेश से काफी धक्का लगा. जब हमारा 20-22 साल पुराना सपना पूरा होने जा रहा था, तब केंद्र सरकार ने योजना को लागू करने में अड़चन लगा दी.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार से हमारे पास एक चिट्ठी आई है कि यह राशन योजना आप लागू नहीं कर सकते हैं. उस चिट्ठी से हमें थोड़ा धक्का लगा, क्योंकि लागू होने के 5 दिन पहले केंद्र सरकार ने इसको बंद करने का आदेश दिया. यह योजना क्यों नहीं लागू कर सकती.
इसका कारण उस चिट्ठी में यह लिखा हुआ है कि इसका नाम 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन' योजना नहीं रखा जा सकता. शायद उनको 'मुख्यमंत्री' शब्द से आपत्ति है. चिट्ठी में यह भी लिखा हुआ है कि लोगों को लगेगा कि यह राज्य सरकार की योजना है.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, "मैंने अधिकारियों को कहा कि इस योजना का नाम हटा दो. अब इसका कोई नाम नहीं होगा, अब यह कोई योजना नहीं होगी, जैसे पहले केंद्र सरकार से राशन आता था, वो दुकानदार दुकानों के जरिए बंटता था, लेकिन अब यह राशन घर-घर पहुंचाया जाएगा.
हमें कोई नाम और श्रेय के चक्कर में नहीं पड़ना है. मैं समझता हूं कि इस निर्णय के बाद अब केंद्र सरकार की जो भी आपत्तियां थीं, वह आपत्तियां दूर हो गई होंगी और केंद्र सरकार अब इसको आगे लागू करने के लिए हमें अनुमति दे देगी."