नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर विरोध के बाद भड़की हिंसा में अब तक 34 लोगों की मौत हो गई है. इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा है. जिसके बाद हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने 13 अप्रैल तक का समय दे दिया है. लेकिन तब तक केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) को रिपोर्ट सौंपनी पड़ेगी. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि भड़काऊ भाषण को लेकर अब तक किसी के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं दर्ज की गई है. ऐसे में अब यह भी जांच की जाएगी कि क्या बीजेपी नेताओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के मामले में एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए.
पुलिस ने आगे कहा कि अभी दिल्ली में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए ऐसा जरूरी था. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि अब तक 48 एफआईआर दर्ज की गई हैं.केंद्र और दिल्ली पुलिस के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि याचिकाकर्ता केवल तीन भड़काऊ बयानों को चुनकर कार्रवाई की मांग नहीं कर सकता. यह भी पढ़े-दिल्ली हिंसा: अब तक 30 लोगों की मौत, हाईकोर्ट में आज सुनवाई; भड़काऊ बयानों पर पुलिस देगी जवाब
ANI का ट्वीट-
Delhi violence case: Delhi High Court asks Centre to file a response in the case and lists the matter for April 13 pic.twitter.com/Lg5v2ap5Mz
— ANI (@ANI) February 27, 2020
गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर और गोकुलपुरी में रविवार को नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा हो गयी थी. जिसमें अबतक 34 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 200 लोग घायल हो चुके हैं.
दिल्ली पुलिस पीआरओ ने बुधवार को बताया था कि जो एफआईआर दर्ज की गई हैं, उनमें आरोपियों की तलाश की जा रही है. सीसीटीवी के मदद लेकर पहचान करके अन्य आरोपियों की धर-पकड़ के लिए छापा मारा जा रहा है. जल्दी ही कई और गिरफ्तारियां होंगी।
वही दिल्ली के उप-राज्यपाल ने बुधवार को दिल्ली के पांच आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर कर दिया है. इनमें शखधर मिश्रा, मंदीप सिंह, प्रमोद कुमार मिश्रा, संजय भाटिया और राजीव रंजन शामिल हैं.