CCTV in All Police Stations: सुप्रीम कोर्ट ने सभी पुलिस थानों और जांच एजेंसियों को CCTV कैमरे लगाने के दिए निर्देश
सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्र सरकार से देश भर के सभी पुलिस स्टेशनों और केंद्रीय जांच ब्यूरो, (CBI), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) सहित जांच एजेंसियों को CCTV लगाने के लिए कहा. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इन सीसीटीवी कैमरों में नाइट विजन और ऑडियो रिकॉर्डिंग विकल्प होने चाहिए. यह निर्देश जस्टिस आरएफ नरीमन की अगुवाई वाली बेंच ने जारी किए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये CCTV कैमरे पुलिस स्टेशन के एंट्री और एग्जिट पॉइंट, लॉक अप, रिसेप्शन एरिया, कॉरिडोर, लॉबी, सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर के कमरे, थाने के बाहर स्थापित किए जाने चाहिए.

एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "इनमें से अधिकांश एजेंसियां अपने कार्यालयों में पूछताछ करती हैं, इसलिए उन सभी कार्यालयों में सीसीटीवी अनिवार्य रूप से लगाए जाएंगे, जहां आरोपियों से पूछताछ होती है." सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि रिकॉर्डिंग्स को साक्ष्य के रूप में 18 महीने तक रखना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने राजकोट के COVID-19 अस्पताल में 6 मरीजों की मौत को 'शॉकिंग' कहा.

2018 में सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ती हिरासत यातना के मामले से निपटनने के लिए देश के हर पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया था. इस मामले में 16 सितंबर, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरों की हालत पर जानकारी मांगी थी. कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से 24 नवंबर तक इस पर जवाब देने के लिए कहा था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये निर्देश अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों में हैं. कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों के बाद ढाई साल तक कुछ भी पर्याप्त नहीं किया गया है. सभी राज्य छह सप्ताह के भीतर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना के लिए कार्ययोजना दाखिल करें. प्रत्येक पुलिस स्टेशन का एसएचओ सीसीटीवी के काम, रिकॉर्डिंग और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगा. मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी के लिए निर्धारित की गई है.