
Budget 2020: आम बजट 2020-21 के आने से एक दिन पहले शुक्रवार को संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) पेश किया. इकोनॉमिक सर्वे में आगामी वित्तीय वर्ष में हालात चुनौतीपूर्ण बने रहने की संभावना जताई है. हालांकि साल 2020-21 के दौरान जीडीपी ग्रोथ 6 से 6.5 रहने का अनुमान जताया गया है. साथ ही सरकार को सुधारों पर शीघ्रता से काम शुरू करने की बात कही गई है.
सरकार द्वारा शुक्रवार को संसद में पेश वित्त वर्ष 2020 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार वृद्धि दर में तेजी लाने के लिए राजकोषीय समेकन लक्ष्य को सरल बनाने की जरूरत है. आईये जानते है आर्थिक समीक्षा यानि इकोनॉमिक सर्वे की मुख्य बातें-
आर्थिक समीक्षा में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने संबंधी भारत की आकांक्षा का उल्लेख किया गया है जो निम्नलिखित पर काफी निर्भर है:
- बाजार के अदृश्य सहयोग को मजबूत करना
- इसे भरोसे का सहारा देना
- बिजनेस अनुकूल नीतियों को बढ़ावा देकर अदृश्य सहयोग को मजबूत करना
- नए प्रवेशकों को समान अवसर देना
- उचित प्रतिस्पर्धा और कारोबार में सुगमता सुनिश्चित करना
- सरकार के ठोस कदमों के जरिए बाजारों को अनावश्यक रूप से नजरअंदाज करने वाली नीतियों को समाप्त करना
- रोजगार सृजन के लिए व्यापार को सुनिश्चित करना
- बैंकिंग सेक्टर का कारोबारी स्तर दक्षतापूर्वक बढ़ाना
- एक सार्वजनिक वस्तु के रूप में भरोसे का आइडिया अपनाना जो अधिक इस्तेमाल के साथ बढ़ता जाता है.
- आर्थिक समीक्षा में सुझाव दिया गया है कि नीतियां ऐसी होनी चाहिए जो डेटा एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिए पारदर्शिता और कारगर अमल को सशक्त बनाए.
जमीनी स्तर पर पर उद्यमिता और धन सृजन
- उत्पादकता को तेजी से बढ़ाने और धन सृजन के लिए एक रणनीति के रूप में उद्यमिता.
- विश्व बैंक के अनुसार, गठित नई कंपनियों की संख्या के मामले में भारत तीसरे पायदान पर.
- वर्ष 2014 के बाद से ही भारत में नई कंपनियों के गठन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है:
- वर्ष 2014 से लेकर वर्ष 2018 तक की अवधि के दौरान औपचारिक क्षेत्र में नई कंपनियों की संचयी वार्षिक वृद्धि दर 12.2 प्रतिशत रही, जबकि वर्ष 2006 से लेकर वर्ष 2014 तक की अवधि के दौरान यह वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत थी.
- वर्ष 2018 में लगभग 1.24 लाख नई कंपनियों का गठन हुआ जो वर्ष 2014 में गठित लगभग 70,000 नई कंपनियों की तुलना में तकरीबन 80 प्रतिशत अधिक है.
- आर्थिक समीक्षा में भारत में प्रशासनिक पिरामिड के सबसे निचले स्तर पर यानी 500 से अधिक जिलों में उद्यमिता से जुड़े घटकों और वाहकों पर गौर किया गया है.
- सेवा क्षेत्र में गठित नई कंपनियों की संख्या विनिर्माण, अवसंरचना या कृषि क्षेत्र में गठित नई कंपनियों की तुलना में काफी अधिक है.
- सर्वे में यह बात रेखांकित की गई है कि जमीनी स्तर पर उद्