नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पूर्व मोदी सरकार पूर्ण बजट पेश करने की पूरी तैयारी में है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्रीय वित्त मंत्री 1 फरवरी को देश का पूर्ण बजट पेश करेंगे. हालांकि अगर ऐसा हुआ तो मोदी सरकार को संसद के भीतर और बाहर भारी विरोध-प्रदर्शन का सामना करना पड़ सकता है.
मोदी सरकार ने साल 2014 में सत्ता संभालने के बाद पांच पूर्ण बजट पेश कर चुकी हैं. वित्त वर्ष 2019-2020 इस साल एक अप्रैल से आरंभ होगा और इस सरकार का कार्यकाल मई 2019 में खत्म हो रहा है. आमतौर पर चुनाव से पहले अंतरिम बजट ही पेश होता है. इस बार ये परंपरा टूटने के कयास लगाए जा रहे है. विगत वर्षो पर नजर डालें तो वर्ष 2000 के बाद तीन बार अंतरिम बजट पेश किए गए हैं.
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को केंद्र सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी. सरकार बजट में यूनिर्सल बेसिक इनकम का ऐलान कर सकती है. इसके अलावा इनकम टैक्स में छूट की लिमिट को भी बढ़ाया जा सकता है. बजट 1 फरवरी के दिन सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा.
इससे पहले कांग्रेस ने कहा था कि सरकार को पूर्ण बजट पेश करने का अधिकार नहीं है. कांग्रेस ने कहा कि अगर केंद्र सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी तो वह सात दशकों से चली आ रही संसदीय परंपराओं और मानकों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन होगा. इसलिए कांग्रेस इसका संसद के भीतर और बाहर जोरदार विरोध करेगी.
मोदी सरकार के कथित प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने बीते गुरुवार कहा था कि सरकार का कार्यकाल जब वित्त विर्ष 2019-20 के आरंभ होने से 56 दिनों के भीतर समाप्त हो रहा है तो फिर सरकार कैसे 365 दिनों का बजट पेश कर सकती है.