कोलकाता, 27 जुलाई: पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार को भाजपा द्वारा लाए गए दो स्थगन प्रस्तावों को विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने स्वीकार कर लिया पहले स्थगन प्रस्ताव में पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की हालिया घटनाओं पर चर्चा की मांग की गई, जबकि दूसरा हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में हिंसा और रक्तपात की घटनाओं से संबंधित है. यह भी पढ़े: West Bengal Foundation Day 2023: माछेर झोल और मटन बिरयानी से लेकर सोंदेश तक के साथ मनाएं पश्चिम बंगाल स्थापना दिवस!
यह पहली बार है कि 2021 में भाजपा द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्तावों को राज्य विधानसभा में स्वीकार किया गया, जब वह पश्चिम बंगाल में प्रमुख विपक्षी दल के रूप में उभरी गुरुवार दोपहर विधानसभा के लंच के बाद के सत्र में दोनों प्रस्तावों पर चर्चा होगी, इस दौरान विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी सदन को संबोधित करेंगे चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी मौजूद रहने की संभावना है.
बुधवार को इसी तरह का एक प्रस्ताव फैशन डिजाइनर से नेता बनी अग्निमित्रा पॉल ने भी पेश किया हालांकि, अध्यक्ष ने उन्हें प्रस्ताव पढ़ने की अनुमति देने से इनकार कर दिया, इसके बाद विधानसभा में हंगामा हुआ, क्योंकि भाजपा विधायकों ने विरोध किया और सदन से बहिर्गमन किया.
स्पीकर ने पॉल द्वारा प्रस्ताव पेश करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए और यह भी कहा कि स्पीकर की टेबल को पोस्ट ऑफिस की तरह नहीं माना जा सकता राज्य विधानसभा के चल रहे मानसून सत्र के दौरान, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस भी मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए एक प्रस्ताव पेश करने वाली है.