भाजपा के बंगाल सचिवालय मार्च ने लिया हिंसक मोड़, प्रदेश अध्यक्ष ने धरना दिया
बीजेपी (Photo Credits PTI)

कोलकाता, 13 सितंबर : कोलकाता से सटे हावड़ा जिले के विभिन्न हिस्सों में, विशेष रूप से संतरागाछी इलाके में मंगलवार को उस समय हिंसा भड़क उठी, जब भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर पश्चिम बंगाल सचिवालय तक भाजपा के मार्च के दौरान पुलिस और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हो गई. पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद सुकांत मजूमदार और भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल के नेतृत्व में मार्च कर रहे भाजपा समर्थक जैसे ही संतरागाछी से राज्य सचिवालय नबन्ना की ओर बढ़ने लगे, पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इससे हावड़ा क्षेत्र में हालात तनावपूर्ण हो गए.

पुलिस ने आक्रोशित भाजपा समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारों का सहारा लिया. भाजपा समर्थकों ने जब ईंट-पत्थर और बांस के डंडे फेंकने लगे, तब पुलिस ने आंसूगैस के गोले दागे. मार्च को आगे बढ़ने से रोके जाने पर सुकांत मजूमदार और अग्निमित्र पॉल तुरंत हावड़ा मैदान के पास अपने समर्थकों के साथ सड़क पर बैठ गए और धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया. दोनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उनके समर्थकों पर अकारण हमले किए. बाद में सुकांत मजूमदार को भी जेल वैन में बिठाया गया. यह भी पढ़ें : वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने खुदरा महंगाई दर सात प्रतिशत होने को लेकर वित्त मंत्री पर निशाना साधा

संतरागाछी रेलवे स्टेशन पर भाजपा समर्थकों और पुलिस बलों के बीच अलग-अलग झड़पें हुईं. भजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव के बाद रेलवे ट्रैक पर पथराव करना शुरू कर दिया. हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसूगैस के गोले दागे. झड़प में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. झड़पों के बाद निकटवर्ती कोना एक्सप्रेसवे पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया, गंभीर रोगियों को ले जाने वाली कुछ एम्बुलेंस सहित बड़ी संख्या में वाहन फंस गए.

तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जानबूझकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया. उन्होंने कहा, "भाजपा नेता जानते हैं कि उनके पास पश्चिम बंगाल में जनाधार और समर्थन की कमी है. इसलिए वे इस तरह की हिंसक रणनीति के जरिए ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं." सुकांत मजूमदार ने कहा कि पुलिस ने रैली शुरू होने से काफी पहले मंगलवार की सुबह से ही राज्यभर में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी. उन्होंने आरोप लगाया, "हमारे कई समर्थकों को आज सुबह कोलकाता आने वाली ट्रेनों में चढ़ने तक नहीं दिया गया."