बिहार: वाल्मीकिनगर के अभयारण्य क्षेत्र में बढ़ी बाघों की संख्या, पर्यटकों को आकर्षित करने में जुटी सरकार
बाघ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Facebook)

बिहार (Bihar) के पश्चिम चंपारण स्थित वाल्मीकिनगर व्याध्र अभयारण्य क्षेत्र में बाघों (Tiger) की संख्या में वृद्घि के बाद पर्यटकों की संख्या में भी वृद्घि देखी जा रही है. पर्यटकों को आकर्षित करने में सरकार भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. वन विभाग ने भी पर्यटकों को सुविधा देने और उनके मनोरंजन के लिए कई योजनाओं को सरजमीं पर उतारा है. बिहार के वाल्मीकिनगर व्याघ्र अभयारण्य में फिलहाल बाधों की संख्या वर्ष 2010 की आठ की तुलना में बढ़ कर 31 और शावकों की संख्या 10 हो गई है.

राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) भी कहते हैं कि बाघों की संख्या में वृद्घि के बाद प्र्यटकों की संख्या में वृद्घि हुई है. उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने में आठ हजार पर्यटकों ने वाल्मीकिनगर व्याघ्र अभयारण्य का भ्रमण किया है. मोदी ने कहा कि वर्तमान पर्यटन सीजन में अनेक पर्यटकीय सुविधाओं व सुसज्जित आवासीय व्यवस्था के साथ वाल्मीकिनगर स्थित वाल्मीकि व्याघ्र आश्रयणी (Valmiki Vyaghra Asrani) पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा, "सात-आठ दिसम्बर को इस पर्यटन सीजन का औपचारिक शुरुआत होगी."

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पर्यटकों से वाल्मीकिनगर आने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग के सहयोग से सरकार शीघ्र ही पटना से वाल्मीकिनगर के लिए दो दिवसीय किफायती पैकेज घोषित करेगी, जिसके तहत पर्यटक ऑनलाइन बुकिंग करा सकेंगे. वीटीआर के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि वाल्मीकि विहार, जंगल कैम्प, टेंट हाउस और ट्री हट के 26 सुसज्जित कमरों में 52 पर्यटकों के ठहरने व कैंटीन की उत्तम व्यवस्था उपलब्ध है.

14 सीटर केंटर के साथ जंगल सफारी की नियमित सेवा सुबह-शाम पर्यटकों को दी जा रही है. पर्यटकों के लिए प्रतिदिन शाम में 45 मिनट का स्थानीय लोककला पर केन्द्रित सांस्कृतिक कार्यक्रम और रात्रि में वन्यजीवन पर फिल्म का प्रदर्शन किया जा रहा है.

पटना के ईको पार्क की तर्ज पर वाल्मीकिनगर में एक वृहद ईको पार्क विकसित किया गया है, जिसमें बच्चों के खेलकूद की भी व्यवस्था है. मैरिन ड्राइव की तरह गंडक किनारे डेढ़ किमी लम्बा पाथवे के साथ ही ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला की तरह 200 मीटर लम्बा कौलेश्वर झूला का निर्माण किया गया है. 13 सीटर मोटर बोट के जरिए गंडक में नौकायन की सुविधा उपलब्ध है.

प्रमुख दर्शनीय मंदिरों में कौलेश्वर, जटाशंकर व प्राचीन नरदेवी मंदिर तथा वाल्मीकि आश्रम आदि में बड़ी संख्या में पर्यटक जा रहे हैं. कौलेश्वर मंदिर के बगल में रखे गए चार हाथी भी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री मोदी ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस पर्यटन सीजन में वाल्मीकिनगर पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या अधिक होगी.