पटना, 15 अक्टूबर: शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) में मां दुर्गा (Maa Durga) की अराधना के बाद शुक्रवार को प्रतिमाओं के विसर्जन (Idol Immersion) की तैयारी प्रारंभ हो गई है. इस बार हालांकि नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए गंगा सहित अन्य नदियों में मूर्ति विसर्जन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. मूर्ति विसर्जन को लेकर पूजा पंडालों में तैयारी प्रारंभ हो गई है. गंगा के कई घाटों पर पुलिस की प्रतिनियुक्ति की गई है, जिससे पूजा पंडालों के लोगों को नदी में प्रतिमा विसर्जन से रोका जा सके.
प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए विशेष तौर गड्ढे खुदवाए गए हैं और जलाशयों को चिन्हित किया गया है. बिहार में अब मूर्ति विसर्जन अधिनियम 2021 लागू हो गया है. इसके तहत मूर्ति विसर्जन अस्थायी तालाब में ही किया जा सकेगा. इसमें कोताही बरतने पर पूजा समिति को पांच से 10 हजार रुपए तक जुर्माना भरना पड़ सकता है. यह भी पढ़े: Vijayadashami 2021: पश्चिम बंगाल के बीरभूम में घट विसर्जन के बाद महिलाओं ने लिया सिंदूर खेला में भाग (Watch Video & Pics)
एक अधिकारी ने बताया कि पटना नगर निगम क्षेत्र में पांच अस्थायी घाटों पर मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था की गई है. चिन्हित घाटों पर अस्थायी तालाबों का निर्माण करवाया गया है. पटना में लॉ कालेज घाट, दीघा घाट, खाजेकलां घाट, भद्र घाट के पास जेसीबी से गड्ढे खोदवाकर तालाब का रूप दिया गया है. नगर निगम इसकी तैयारी में तीन-चार दिन पहले ही जुट गया था.
बिहार में अब किसी भी पर्व के बाद प्रतिमाओं का विसर्जन नदी में नहीं किया जा सकता है. इसके लिए अब कानून बना दिया गया है. प्रतिमा विसर्जन के जुलूस पर प्रशासन की लगातार नजर रहेगी. विसर्जन में भी अधिक लोगों के शामिल होने पर पाबंदी लगाई गई है. पूर्व में ही बिना अनुमति के किसी प्रकार के जुलूस नहीं निकालने के निर्देश दिए गए हैं. वैसे राज्य के कई क्षेत्रों में शनिवार को प्रतिमा विसर्जन किया जाएगा। प्रतिमा विसर्जन को लेकर भी सुरक्षा कड़ी की गई है.