मुजफ्फरपुर: देश में कोरोना वायरस के प्रकोप (Coronavirus Outbreak) के कारण सभी स्कूल (Schools) और कॉलेज (College) बंद हैं. वहीं बिहार (Bihar) में कोविड-19 (COVID-19)के कारण सरकारी स्कूलों (Government Schools) के बंद होने की वजह से वहां पढ़ने वाले बच्चों को मिड-डे मील (Mid-Day Meal) नहीं मिल रहा है. ऐसे में कोरोना संकट (Corona Crisis) के साथ-साथ सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे रोजाना भूख के खिलाफ भी लड़ाई लड़ रहे हैं. कुछ ऐसा ही हाल मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भी है. यहां बच्चों को स्कूल बंद होने के कारण मिड-डे मील नहीं दिया जा रहा है. इस मामले में एक अभिभावक का कहना है कि बच्चों को मिड-डे मील नहीं दिया जा रहा है और सरकार ने अभी तक इस पर कुछ भी नहीं किया है.
बच्चों को मिड-डे मील न देने के मामले को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिड-डे मील में चावल, रोटी, सब्जियां, दाल, सोया और शुक्रवार को अंडे मिलते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनके पोषण का यह जरिया खत्म हो गया है. यह भी पढ़ें: बिहार: जहानाबाद में मेंढक खाकर भूख मिटा रहे बच्चों का वीडियो वायरल, DM ने कहा- यह शरारती तत्वों की साजिश, यहां नहीं है खाने की कमी
देखें ट्वीट-
Muzaffarpur: Children studying in government schools are allegedly not being provided with mid-day meals as promised by state govt, in view of closure of schools due to #COVID19. A parent says,"Mid-day meal is not being provided, govt has not done anything on this yet." #Bihar pic.twitter.com/ijIjni0moR
— ANI (@ANI) July 8, 2020
गौरतलब है कि राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण 2015-16 के तहत बिहार के 43.9 फीसदी बच्चे कुपोषण के शिकार हैं, जबकि 48.3 फीसदी बच्चों का शीरीरिक विकास सही तरीके से नहीं हो रहा है. ऐसे में बिहार के गांवों में बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए मिड-डे मील को सबसे बड़ा हथियार माना जाता है, लेकिन स्कूलों के बंद होने के कारण अब बच्चे इससे महरूम हैं.