Fraud By Fake Websites: बिगबास्केट, डीमार्ट और ब्लिंकिट के फर्जी ऑफर से सावधान!  खरीदारों को धोखा देने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार
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नई दिल्ली, 22 नवंबर: दिल्ली पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है, जो बिगबास्केट, डीमार्ट और ब्लिंकिट सहित ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों की फर्जी वेबसाइटें बनाता था और बेखबर खरीदारों को लुभाने के लिए आकर्षक ऑफर पोस्ट करता था और उनके क्रेडिट कार्ड विवरण चोरी करके उन्हें धोखा देता था. आरोपी की पहचान शाहरुख अख्तर के रूप में हुई, जिसे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया.

पुलिस के मुताबिक, IFSO (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस) यूनिट, स्पेशल सेल में शिकायत दर्ज कराई गई थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि फेसबुक ब्राउज़ करते समय उन्हें बिगबास्केट पर एक आकर्षक ऑफर मिला. इसके बाद उन्होंने "Shop Now" टैब पर क्लिक किया और निर्देशों का पालन किया. इसके बाद उनके क्रेडिट कार्ड से 98,000 रुपये कट गए. RBI Norms For Unsecured Loan: अब आसानी से नहीं मिलेगा क्रेडिट कार्ड-पर्सनल लोन, RBI ने बदले नियम

पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) हेमंत तिवारी ने कहा, वित्तीय लेनदेन और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के विश्लेषण से कई राज्यों में फैले एक व्यापक ऑपरेशन का खुलासा हुआ, जो विभिन्न स्तरों पर आयोजित किया गया था. वित्तीय जांच में शामिल खातों में 25-30 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन का खुलासा हुआ, जिसमें 15 से अधिक पीड़ित गिरोह के शिकार हुए.

डीसीपी ने कहा. जांच के दौरान, दो व्यक्तियों – सोनम और जुनैद अख्तर – को 5 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. “सोनम ने खुलासा किया कि, शाहरुख अख्तर के निर्देशों के तहत, उसने राज नगर एक्सटेंशन के एक कॉल सेंटर से पीड़ितों को फोन किया. उसने फर्जी मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया और सभी सिम कार्ड और बैंक खाते (जहां धोखाधड़ी का पैसा जमा किया गया था) सरगना शाहरुख द्वारा उपलब्ध कराए गए थे,''

दूसरे संदिग्ध जुनैद अख्तर ने पैसा इकट्ठा करने के लिए बैंक खाते प्रस्तुत करने में अपनी भूमिका का खुलासा किया. उसने एटीएम कार्ड के जरिए नकदी भी निकाली और इसे शाहरुख और उनकी पत्नी के निजी बैंक खातों में जमा कर दिया.

डीसीपी ने कहा,  शाहरुख अख्तर का पीछा किया गया. लगातार प्रयासों के बाद टीम ने शाहरुख के स्थान का पता लगाया और उसे गिरफ्तार कर लिया. शाहरुख मुख्य संदिग्ध और पूरे ऑपरेशन के मास्टरमाइंड के रूप में उभरा, जिसने अपराध में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली.

उसने संचार और टेली-कॉलिंग के लिए नकली सिम कार्ड हासिल किए, धन प्राप्त करने के लिए नकली बैंक खाते स्थापित किए और बिगबास्केट, डीमार्ट और ब्लिंकिट के नाम से नकली वेबसाइट संचालित करने के लिए डोमेन खरीदे. पिछले 6 वर्षों में ऋण, बीमा, नौकरी घोटाले के लिए नोएडा में 255 फर्जी कॉल सेंटर रैकेट का भंडाफोड़ किया गया.

डीसीपी ने कहा 'शाहरुख को मिले रुपये पिछले साल अपने निजी बैंक खाते में 30 लाख रुपये नकद जमा किए और गलत कमाई से एक हुंडई वेन्यू कार भी खरीदी.

कैसे लगाते थे चूना

पहला स्तर: आरोपियों को फर्जी नाम और पते के साथ सिम कार्ड और बैंक खाते उपलब्ध कराना.

दूसरा स्तर: बिगबास्केट, डीमार्ट और ब्लिंकिट के नाम से नकली वेबसाइट बनाना और विशिष्ट उपयोगकर्ता ID का उपयोग करके उन्हें फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रचारित करना.

तीसरा स्तर: इच्छुक ग्राहकों से जुड़ने के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करना.

चौथा स्तर: प्राप्त डेटा के आधार पर ग्राहकों से संपर्क शुरू करना, उन्हें दिए गए नकली खातों में पैसे जमा करने के लिए लुभाना.