नई दिल्ली, 17 मार्च: दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने एक छात्र पर अगले 1 वर्ष के लिए रोक लगा दी है. एंथ्रोपोलॉजी विभाग में पीएचडी स्कॉलर लोकेश चुग पर यह रोक लगाई गई है. विश्वविद्यालय के मुताबिक कैंपस में बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यू्मेंट्री की स्क्रीनिंग के मामले में लोकेश चुग को एक साल के लिए डीबार कर दिया गया है. अब वह अगले 1 वर्ष तक विश्वविद्यालय या कॉलेज द्वारा आयोजित किसी भी प्रकार की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे. यह भी पढ़ें: Delhi Liquor Scam: ED ने मनीष सिसोदिया की हिरासत 7 दिन और बढ़ाने की मांग की, किए कई खुलासे
विश्वविद्यालय ने नियमों का हवाला देते हुए अपने नोटिस में बताया कि विश्वविद्यालय में किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन आदि के लिए लोगों को जुटाने की अनुमति लेनी होती है. विश्वविद्यालय के मुताबिक 22 अप्रैल 2022 को एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया था. इस सार्वजनिक नोटिस में बताया गया था कि विश्वविद्यालय में किसी भी तरह की भीड़, प्रदर्शन या विरोध आदि के लिए एकत्र होने से पहले विश्वविद्यालय को कम से कम 24 घंटे पहले संबंधित कार्यक्रम की पूर्ण जानकारी देनी होगी.
दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा लोकेश चुग को दिए मेमोरेंडम में लिखा है कि सरकार द्वारा बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाया गया है. बावजूद इसके बिना किसी पूर्व अनुमति या सूचना के लोकेश चुग 27 जनवरी 2023 की शाम चार बजे डीयू की आर्ट्स फैकल्टी के गेट नंबर 4 पर बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग संबंधी कार्यक्रम में शामिल हुए.
वहीं विश्वविद्यालय द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद एंथ्रोपोलॉजी विभाग में पीएचडी स्कॉलर लोकेश चुग ने कहा है कि उनकी पीएचडी वाइवा अभी होने हैं, लोकेश के मुताबिक लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा लगाए गए इस प्रतिबंध से उनका भविष्य खराब हो सकता है. गौरतलब है कि लोकेश, छात्र संगठन एनएसयूआई से भी जुड़े हुए हैं. अपने कदम को जायज बताते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि लोकेश चुग भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग कराने में शामिल था.
गौरतलब है कि छात्रों के कुछ समूहों ने दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और दिल्ली की ही अंबेडकर यूनिवर्सिटी में बीबीसी की यह प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री बिना किसी इजाजत दिखाने का कार्यक्रम बनाया था. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में तो स्क्रीनिंग से पहले ही छात्र संघ कार्यालय की बिजली और इंटरनेट कनेक्शन काट दिया गया था. जेएनयू छात्र संघ से जुड़े कुछ छात्र बीबीसी कि यह प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री दिखाना चाहते थे. इन विश्वविद्यालयों ने छात्रों को कैंपस में बीबीसी की यह डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को रद्द करने को कहा था.