नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी नीति घोटाला (Delhi Liquor Scam) मामले में आरोपी मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को शुक्रवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट से सिसोदिया की रिमांड बढ़ाने की मांग की. ईडी ने अदालत से कहा कि मनीष सिसोदिया से और पूछताछ करनी है. जांच एजेंसी ने आगे कहा, 'कुछ तथ्य सामने आए हैं. मोबाइल डेटा रिट्रीव किया गया है, जो कि बहुत ज्यादा है. इन सबको लेकर पूछताछ करनी है.' ईडी ने सिसोदिया की 7 दिन की हिरासत की मांग की है. क्या है दिल्ली शराब नीति मामला, जिसने Manish Sisodia को CBI के शिकंजे में उतारा.
वहीं सिसोदिया के वकील ने दावा किया कि पूछताछ के नाम पर एजेंसी सिर्फ उन्हें इधर उधर बैठाती है. 7 दिन में सिर्फ 11 घंटे पूछताछ की गई. ED ने कोर्ट से कहा हम मनीष सिसोदिया के ईमेल, मोबाइल फोन से मिले डाटा की जांच कर रहे. इसमें अभी समय लगेगा.
अदालत ने सुरक्षित रखा फैसला
Delhi liquor policy case | ED, while seeking 7 days further remand of Manish Sisodia said, various crucial information is revealed during the custody of Manish Sisodia.
— ANI (@ANI) March 17, 2023
290 करोड़ रुपये की साजिश
दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में सिसोदिया को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. इसके कुछ दिन बाद जेल में ही ईडी ने पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. ईडी ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया ने 290 करोड़ रुपये से अधिक की राशि ‘रिश्वत और अपराध से अर्जित’ करने के वास्ते दोषपूर्ण आबकारी नीति तैयार करने के लिए अन्य लोगों के साथ मिलकर साजिश रची.
ED ने कहा कि सिसोदिया ने ‘‘अन्य व्यक्तियों के साथ साजिश रची और वह दोषपूर्ण नीति बनाने में सक्रिय रूप से शामिल थे ... सिसोदिया ने अपराध से अर्जित आय, हस्तांतरण, छुपाने में भूमिका निभाई. ’’ ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि सिसोदिया ने 14 फोन/आईएमईआई का इस्तेमाल किया/बदल दिया/नष्ट कर दिया और इस मामले में सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी के दौरान केवल दो फोन बरामद किए जा सके.