इंदौर: कोरोना संकट (Corona Crisis) को देखते हुए मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में बकरा ईद (Bakra Eid) यानी ईद-उल-अधा (Eid ul-Adha) से पहले बकरों (Goats) को ऑनलाइन (Online) बेचने और खरीदने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social Media Platform) की मदद ली जा रही है. दरअसल, कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इस साल बकरीद के लिए बकरी मंडी यानी स्थानीय बाजार की स्थापना नहीं की गई है, इसलिए कई व्यापारियों ने बकरों को बेचने के लिए वॉट्सऐप (WhatsApp) और इंस्टाग्राम (Instagram) जैसे ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की ओर रुख किया है. एक ऐसे ही ऑनलाइन ग्रुप का हिस्सा हैं बकरी व्यवसायी आरिफ खान और उनका कहना है कि बकरी बाजारों की अनुपस्थिति में पहली बार बकरियों को बेचने के लिए ऑनलाइन तरीके का इस्तेमाल किया जा रहा है.
बकरीद के लिए बकरों की खरीद और बिक्री के लिए ग्रुप बनाए गए हैं, जिसमें बकरी व्यापारी बकरों की तस्वीरों और वीडियो के साथ उनकी कीमत पोस्ट कर रहे हैं. अगर ग्रुप के किसी सदस्य को कोई बकरी पसंद आती है तो वह बकरी विक्रेता से संपर्क करता है और बकरी की जांच करने के बाद उसका सौदा किया जाता है. आरिफ खान का कहना है कि कोरोना संकट के कारण बकरों की कीमतों में करीब 20 से 30 फीसदी तक की गिरावट आई है, जिसके बाद एक बकरी की कीमत 8,000 रुपए से 15,000 रुपए के बीच बताई जा रही है.
देखें ट्वीट-
Groups have been formed on social media platforms in which traders post their goat's photos, videos, along with prices. Whoever likes the goat contacts the seller and make a deal: Arif Khan, a businessman from Indore. #MadhyaPradesh (6/7) https://t.co/X0x862QFV4
— ANI (@ANI) July 6, 2020
बकरी व्यापारी आरिफ खान ने आगे कहा कि ग्रुप के लिंक को इंटरनेट पर भी उपलब्ध कराया गया है, ताकि वो लोग भी ऑनलाइन बकरों की खरीदारी कर सकें, जो ग्रुप के सदस्य नहीं हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण लोगों के बीच धन की कमी है, जिसके कारण इस समय बकरियों की ज्यादा मांग नहीं है. हालांकि ईद 1 अगस्त को मनाए जाने की संभावना है, जिसके कारण बकरियों की खरीद-बिक्री का ऑनलाइन कारोबार बढ़ सकता है. लोग अभी भी बकरी मंडियों के खुलने की उम्मीद कर रहे हैं. यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश: कोरोना वायरस को मात देने वाले 90 वर्षीय बुजुर्ग को मिली अस्पताल से छुट्टी, एक छोटी लड़की ने उतारी उनकी आरती
उन्होंने कहा कि कोविड-19 और अन्य मौसमी बीमारियों के कारण, बकरियों की विशेष देखभाल की जा रही है और जो लोग फेस मास्क नहीं पहन रहे हैं उन्हें बकरियों के सामने जाने की अनुमति नहीं दी जाती है. गौरतलब है कि ईद-अल-अधा (Eid al-Adha) या बकरीद (Bakrid) को बलिदान पर्व के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन आमतौर पर भेड़ या बकरी की बलि दी जाती है और बलि देने के बाद उसका गोश्त तीन समान हिस्सों में बंटता है. पहला हिस्सा गरीबों के लिए, दूसरा रिश्तेदारों व दोस्तों के लिए और तीसरा हिस्सा अपने लिए रखा जाता है.