सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले (Ram Janmabhoomi-Babri Masjid Land Dispute Case) की सुनवाई पूरी करने के लिए 18 अक्टूबर तक की समय सीमा निर्धारित की थी. वहीं, गुरुवार को इस मामले में 32वें दिन सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को 18 अक्टूबर तक दलीलें पेश करने की बात कहते हुए अतिरिक्त समय देने से इनकार कर दिया यानी सुनवाई पूरी करने की डेडलाइन नहीं बढ़ाई जाएगी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) ने कहा कि आज का दिन मिलाकर 18 अक्टूबर तक हमारे पास साढ़े 10 दिन हैं.
सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि अगर 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी नहीं होती है, तो फैसला आने की उम्मीदें कम हो जाएंगी. ज्ञात हो कि सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई कर रही है. संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनंजय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं. यह भी पढ़ें- अयोध्या विवाद: मुस्लिम पक्ष राम चबूतरे को जन्मस्थल बताने के अपने बयान से पलटा.
Ayodhya land dispute case: Supreme Court said that it cannot give an extra day after October 18 for parties to complete their submissions in the case. Today is the 32nd day of hearing in the case. pic.twitter.com/Bj7H67fXrO
— ANI (@ANI) September 26, 2019
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए 18 अक्टूबर तक की समय सीमा निर्धारित कर दी थी और इस कदम से 130 साल से भी अधिक पुराने अयोध्या विवाद में नवंबर के मध्य तक फैसला आने की संभावना बढ़ गई है.