अमृतसर: पंजाब के अमृतसर में दशहरे के दिन हुए दर्दनाक हादसे से पूरा देश शोक में है. यहां रावण दहन देख रहे लोगों को तेज रफ्तार ट्रेन रौंदती चली गई, हादसे में 60 से अधिक लोगों की मौत की खबर है. अब इस मामले में फिरोजपुर के डीआरएम विवेक कुमार का कहना है कि "ड्राइवर ने स्पीड कम की थी, इसके बावजूद कई लोग ट्रेन की चपेट में आ गए" डीआरएम ने यह भी बताया कि हादसे के बाद ड्राइवर ने ट्रेन रोकने की कोशिश भी की लेकिन गुस्साए लोग ट्रेन पर पथराव करने लगे जिसके कारण ड्राइवर ने वहां ट्रेन रोकना सुरक्षित नहीं समझा.
डीआरएम ने मीडिया को बताया कि जहां हादसा हुआ उससे पहले एक मोड़ है, ड्राइवर 91 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन लेकर आ रहा था, उसने जब लोगों को देखा तो रफ्तार कम करने की कोशिश की और 68 किमी प्रति घंटे तक ही ला पाया था कि हादसा हो गया. इस रफ्तार से चल रही ट्रेन को रोकने के लिए कम से कम 700 मीटर की दूरी होनी चाहिए थी. अमृतसर रेल हादसा: घटना में रावण का किरदार निभाने वाले कलाकार की भी मौत
यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए नहीं रोकी ट्रेन
डीआरएम ने बताया कि हादसे के बाद ट्रेन की रफ्तार 10 तक आ गई थी लेकिन लोग ट्रेन पर पथराव करने लगे. उस समय गार्ड ने ड्राइवर को बताया कि लोग आक्रोश में हैं और यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए ट्रेन रोकना ठीक नहीं है. इसके बाद ड्राइवर ट्रेन लेकर अमृतसर पहुंच गया. डीआरएम के मुताबिक ड्राइवर सुरक्षित है, और यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए वह हादसे के बाद नहीं रुका.
ड्राइवर ने बजाया था हॉर्न
पंजाब सरकार के मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिद्दू के इस बयान पर कि ट्रेन में हॉर्न ही नहीं था पर भी डीआरएम ने सफाई दी. डीआरएम ने कहा कि ट्रेन में हॉर्न है और वह ठीक है. डीआरएम ने यह भी दावा किया ड्राइवर ने हॉर्न बजाया था. अमृतसर रेल हादसा: घटना स्थल पर रावण दहन कार्यक्रम का पोस्टर बना चर्चा का विषय
पटाखों से शोर से नहीं सुनाई दिया हॉर्न
रिपोर्ट्स के अनुसार शुक्रवार शाम करीब 700 लोग ग्राउंड पर रावण दहन कार्यक्रम के लिए मौजूद थे. करीब 10-15 सेकंड में ट्रेन के गुजरने के बाद चीख-पुकार मच गई. ज्यादातर लोगों को ट्रेन की आवाज नहीं सुनाई दी क्यों कि उस समय पटाखों का शोर था. जब ट्रेन ट्रैक पर आई तो लोगों ने भागने की कोशिश की लेकिन कई लोग उसकी चपेट में आ गए.