नई दिल्ली: भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रही सरकार के स्वामित्व वाली विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India) पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है. केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद एयर इंडिया मुनाफे में नहीं पहुंच पाई है. यहीं वहज है कि केंद्र ने भी दिग्गज एयरलाइंस का पूरी तरह से निजीकरण करने का एँ किया है. साथ ही कहा है कि अगर यह प्रयोग विफल हुआ तो एयर इंडिया को बंद करना पड़ेगा.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक एयर इंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि अगर एयरलाइन की समस्याओं का कुछ ठोस समाधान नहीं निकाला गया तो अगले साल जून तक एयरलाइन का परिचालन बंद हो सकता है. हालांकि केंद्र सरकार एयर इंडिया को कर्ज से निकालकर निजीकरण करने के लिए समाधान तलाश रही है. गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर Air India ने बोइंग-787 ड्रीमलाइनर पर लिखा ‘एक ओंकार’
रिपोर्ट्स के मुताबिक एयर इंडिया पर 58,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज का बोझ है. इस वजह से हजारों पायलटों की सैलरी भी अटकी हुई है. हाल ही में एयर इंडिया के पायलटों के बकाये का भुगतान न होने को लेकर उनकी यूनियन ने चिंता जताया था और सरकार से मांग की थी कि कर्मचारियों को बिना नोटिस दिए कंपनी छोड़ने की अनुमति दी जाएं.
Air India senior official: If some concrete solution of Air India issue will not be found till June next year, then National Carrier will not be able to run it; may shut the airline. pic.twitter.com/D7Tj2u6e8o
— ANI (@ANI) December 30, 2019
नकदी संकट से जूझ रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने करीब 1,600 पायलटों को अक्टूबर के उड़ान भत्ते का पिछले शुक्रवार को भुगतान किया. वर्तमान समय में एयर इंडिया में बीस हजार से ज्यादा कर्मचारी है.
बता दें कि इसी महीने सरकार ने एयर इंडिया को परिचालन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिये 500 करोड़ रुपये की गारंटी दी. हालांकि कंपनी ने सरकार से 2,400 करोड़ रुपये मांगे थे. यह गारंटी 7,600 करोड़ रुपये की गारंटी का हिस्सा है जो चालू वित्त वर्ष में एयरलाइन को उपलब्ध कराई जाने वाली है. एक अनुमान के अनुसार एयर इंडिया को 2018-19 में 8 हजार 500 करोड़ रुपये का घाटा हुआ.