पांच राज्यों में हुए विधासभा चुनाव ( Assembly Elections 2018) के परिणाम ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है. वहीं कांग्रेस खेमे में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. इसी जीत के साथ अब राहुल गांधी के दम का भी लोग लोहा मानने लगे हैं. पहले जहां मोदी की टक्कर में राहुल गांधी की कोई तुलना नहीं होती थी. लेकिन इस बार के चुनाव में जहां पीएम मोदी , अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ जैसे स्टार प्रचारकों की धाकड़ फौज थी. वहीं राहुल गांधी ने अकेले ही मोर्चा संभाला था. ऐसे में जो परिणाम अब सामने आए उसके बाद मोदी के सामने राहुल को बड़ा विकल्प माना जा रहा है.
छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में सरगुजा जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने भारी मतों से जीत दर्ज कर भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया. वहीं मध्यप्रदेश ( madhy prdesh) में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. लेकिन यहां भी कांग्रेस ने बाजी मारी है. वहीं राजस्थान में बीजेपी को हराकर कांग्रेस ने अपने जीत के परचम को लहरया. ऐसे में दो राज्य जो की बीजेपी छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश को बीजेपी का गढ़ कहा जाता था. उसमें सेंध लगाकर राहुल गांधी ने अपने कुशल नेतृतव का परिचय दिया.
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम देखने के यहां क्लिक करें
तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी (BJP) को सीधी टक्कर दी है. ऐसी उम्मीद है कि इन नतीजों से कांग्रेस आत्मविश्वास मजबूत होगा, जिससे अगले साल होने वाले आम चुनाव में वह बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पर बढ़त बनाने में मदद मिलेगी.
11 दिसंबर बना कांग्रेस के लिए लकी
राहुल गांधी बीते साल 11 दिसंबर को निर्विरोध कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे. उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी की जगह ली थी. सोनिया गांधी 19 सालों तक देश की सबसे पुरानी पार्टी की अध्यक्ष रहीं. राहुल गांधी ने संगठनात्मक स्तर पर और चुनाव प्रचार अभियान दोनों में भी बदलाव किया. इस तरह अब पार्टी की पहुंच पारंपरिक प्रचार अभियान व सोशल मीडिया पर सक्रिय मौजूदगी दोनों रूपों में थी. इससे नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ जोर-शोर से मुद्दों को उठाया गया और मुद्दों पर त्वरित प्रतिक्रिया दी गई.
यह भी पढ़ें:- मध्यप्रदेश में जीत के बाद भी दांवपेंच जारी, बीजेपी और कांग्रेस जुटी जुगाड़ में, गवर्नर आनंदीबेन पर टिकी सबकी नजरें
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने चुनावी राज्यों में व्यापक रूप से चुनाव प्रचार अभियान चलाया. उन्होंने रैलियां, रोड शो और संवाददाता सम्मेलन आयोजित किए थे. राहुल गांधी ने अपने नियमित ट्वीट में भी बहुत से मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़े हमले किए. उन्होंने प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार, नौकरियां, नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर को लेकर हमले बोले.