7th Pay Commission: नाइट ड्यूटी करने वाले इन केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, नियमों में हुआ बड़ा बदलाव
रुपया (Photo Credits: PTI)

7th CPC Latest News: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच भारतीय रेलवे (Indian Railways) के कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है. रेल मंत्रालय ने नाइट ड्यूटी अलाउंस (Night Duty Allowance) को लेकर बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत भारतीय रेलवे ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) को एक पत्र लिखा है, जिसमें केंद्र सरकार से उन कर्मचारियों को दिए जाने वाले नाइट ड्यूटी भत्ते की वसूली को रोकने के लिए कहा गया है जो नाइट ड्यूटी भत्ता नियमों में फिट बैठने में विफल थे. 7th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज, पेंशन और ग्रेच्युटी पर हुआ यह बड़ा फैसला

रिपोर्ट्स के मुताबिक नई व्यवस्था के तहत जिन कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 43,600 से ज्यादा है, उन्हें नाइट ड्यूटी अलाउंस का फायदा नहीं दिया जाता है. जबकि 7वां वेतन आयोग लागू होने के बाद जिन रेल कर्मचारियों को नाइट ड्यूटी अलाउंस दिया गया, उनसे रिकवरी की जा रही थी. इसके मद्देनजर रेलवे ने रिकवरी पर रोक लगाने के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को पत्र लिखा है और अलग-अलग हालात में काम कर रहे रेल कर्मचरियों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए नाइट ड्यूटी अलाउंस की व्यवस्था करने की पैरवी की है.

नाइट ड्यूटी अलाउंस नियम को बदलते समय केंद्र ने नाइट ड्यूटी अलाउंस कैलकुलेशन फार्मूला भी बदल दिया. नए नियम के अनुसार, किसी के नाइट ड्यूटी अलाउंस का कैलकुलेशन अब ऐसे होगा - मूल वेतन + महंगाई भत्ता (DA). यह फार्मूला सभी केंद्र सरकार के कार्यालयों और मंत्रालयों में लागू किया गया है. इससे पहले, नाइट ड्यूटी अलाउंस समान ग्रेड वेतन के सभी कर्मचारियों के लिए एक समान था. जबकि बदले हुए नियम में किसी सरकारी कर्मचारी के मूल वेतन के मुताबिक उसे नाइट ड्यूटी अलाउंस का लाभ दिया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि बीते हफ्ते रेल मंत्री पीयूष गोयल ने करीब 13 लाख रेल कर्मचारियों को पत्र लिखा और कोरोना वायरस संकट के दौरान उनके काम के लिए उनका शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अपने नुकसान को कभी नहीं भुलाया जाएगा लेकिन यह रेल परिवार का धैर्य, दृढ़ निश्चय और संकल्प था जो अभूतपूर्व महामारी के दौर में विजयी साबित हुआ.’’ गोयल ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान ‘रेलवे परिवार’ ने अपने आप को राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित किया. उन्होंने कहा, ‘‘जब दुनिया ठहर गई तो रेलवकर्मियों ने एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली और अर्थव्यवस्था के पहियों को चलाते रहने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर और कड़ी मेहनत की.’’