अहमदाबाद. वर्ष 2002 के गोधरा केस में अहमदाबाद की विशेष एसआईटी अदालत ने आरोपी याकूब पटालिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. करीब 16 साल से फरार याकूब पटालिया (Yakub Pataliya) साबरमती एक्सप्रेस के एस 6 कोच पर पथराव व तोड़फोड़ कर पेट्रोल डालकर जलाने में शामिल था, इस घटना में 50 से ज्यादा कार सेवक जिंदा जल गए थे. बताना चाहते है कि 64 वर्षीय याकूब पटालिया ((Yakub Pataliya) को इस मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दिया गया था. इसके बाद राज्यभर में दंगे हुए थे.
इस पुरे मसले पर सरकारी वकील नरेंद्र प्रजापति ने बताया कि आरोपी याकूब (Yakub Pataliya) लंबे समय से फरार था. 27 फरवरी 2002 को गोधरा स्टेशन पर कारसेवकों को जिंदा जलाने की साजिश में वह शामिल था. यह भी पढ़े-गुजरात दंगा: नरोदा पाटिया केस के 4 दोषियों को SC से मिली जमानत, हाईकोर्ट ने सुनाई थी 10 साल की सजा
2002 Godhra train burning case: A Special SIT Court in Ahmedabad sentences convict Yakub Pataliya to life imprisonment.
— ANI (@ANI) March 20, 2019
गौरतलब है कि याकूब (Yakub Pataliya) के खिलाफ सितंबर, 2002 में एफआईआर दर्ज की गई थी. गिरफ्तारी के बाद उस पर धारा 307 (हत्या की कोशिश) सहित आईपीसी (IPC) की विभिन्न धाराओं में मुकदमा चलाया गया. एफआईआर (FIR) दर्ज होने के बाद से ही वह गिरफ्तारी से बच रहा था. इस मामले में याकूब के भाई कादिर पटालिया को 2015 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन मामले की सुनवाई के दौरान जेल में उसकी मौत हो गई.
बता दें अक्टूबर, 2017 में गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने इस मामले में 11 दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था, जबकि अन्य 20 मुजरिमों की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था. इससे पहले निचली अदालत ने 31 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए 63 को बरी कर दिया था.