साल 2008 में टीवी पर प्रसारित हुए धारावाहिक 'रामायण' (Ramayana) में प्रभु राम की भूमिका को निभाने के चलते गुरमीत चौधरी (Gurmeet Choudhary) घर-घर में मशहूर हैं. अगर उन्हें मौका दिया जाए, तो वह इस किरदार को दोबारा निभाना चाहेंगे, लेकिन किसी फिल्म के लिए. दर्शकों ने उन्हें पिछले काफी लंबे समय से किसी पौराणिक पृष्ठभूमि पर आधारित कार्यक्रम में नहीं देखा है.
क्या इस शैली में उनकी अब भी रुचि है? इस पर गुरमीत आईएएनएस को बताते हैं, "अगर मुझे पसंद आए, तो मैं बिल्कुल किसी पौराणिक पृष्ठभूमि पर आधारित कार्यक्रम में काम करना पसंद करूंगा. टीवी पर दर्शकों ने मुझे भगवान राम के किरदार में देखा है, लेकिन मैं वाकई में 'रामायण' नामक किसी फिल्म में काम करना चाहता हूं और यह फिल्म दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचे यही मेरी चाह है."
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शो के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह अस्सी के दशक में रामानंद सागर के चर्चित सीरीज 'रामायण' में राम की भूमिका को जीवंत करने वाले अभिनेता अरुण गोविल को कॉपी नहीं करना चाहते हैं. गुरमीत ने पुरानी बातों को याद करते हुए कहा, "जब मैं बहुत छोटा था, तब मैंने रामानंद सागर की 'रामायण' देखी थी, लेकिन मुझे इसके बारे में बहुत कम याद है.
उन्होंने आगे कहा, "बचपन में मेरे पिता मुझे रामायण की कहानियां सुनाया करते थे, तो मुझे इसकी कहानी पता है. आखिरकार जब मुझे 'रामायण' का ऑफर आया, तो मैंने इसे दोबारा करने की बात पर विचार किया. अगर मैं अस्सी के दशक के 'रामायण' की बात करूं, तो एक कलाकार के तौर पर अरुण जी ने काफी अच्छा काम किया है. अगर मैं उनके द्वारा निभाए गए राम के किरदार को दोबारा देखता, तो कॉपी होने की संभावना रहती. हर कलाकार को समझना चाहिए कि उसकी अपनी एक शैली होनी चाहिए, तो मैंने अपने हिसाब से अभिनय किया."