The Zoya Factor Movie Review: सोनम कपूर (Sonam Kapoor) और दलकर सलमान (Dulquer Salmaan) की फिल्म 'द जोया फैक्टर' (The Zoya Factor) आज रिलीज हो जाएगी. ये फिल्म सोनम की इस साल की दूसरी फिल्म है. इससे पहले वो 'एल लड़की को देखा तो ऐसा लगा' में नजर आईं. अब तकरीबन 6 महीने बाद सोनम एक बार फिर एक नई कहानी के साथ दर्शकों के सामने हाजिर हैं. इसी के साथ फिल्म 'कारवां' से हिंदी ऑडियंस के बीच अपनी पहचान बनाने वाले साउथ फिल्म इंडस्ट्री के पॉपुलर एक्टर दलकर सलमान इस फिल्म में सोनम के साथ लीड रोल में हैं. फिल्म को देखने से पहले इसके रिव्यू पर डालें एक नजर.
कास्ट: सोनम कपूर, दलकर सलमान, अंगद बेदी, संजय कपूर, अनिल कपूर और सिकंदर खेर
निर्देशक: अभिषेक शर्मा
कहानी: फिल्म ‘जोया फैक्टर’ कहानी है जोया नाम की एक ऐसी लड़की की जिसे उसके पिता क्रिकेट के खेल के लिए भाग्यशाली मानते हैं. 1983 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की जीत के साथ ही जोया का जन्म हुआ था और इसी वजह से उसके पिता उसे इस खेल के लिए लकी मानते हैं. फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह एक जूनियर कॉपी राइटर के रूप में अपने करियर को स्थापित करने की जद्दोजहद में जोया की किस्मत तब पलट जाती है जब लोगों को उसके लक चार्म यानी की भाग्यशाली होने के गुण के बारे में पता चलता है. इसी को फिल्म के टाइटल ‘जोया फैक्टर’ के रूप में पेश किया गया है. जोया के लकी होने के गुण के चलते उसे काफी पॉपुलैरिटी मिलती है. क्रिकेट बोर्ड उसे करोड़ों का ऑफर देती है तो वहीं भारतीय खिलाड़ी उसे अपना लक चार्म मानते हैं. वो जब भी उनके साथ नाश्ता करती हैं वो मैच जीत जाते हैं. लेकिन जोया की ये क्वालिटी उसकी जिंदगी में कई परेशानियां भी लेकर आती है जिसके बाद उन्हें एहसास होता है कि सफलता लक के आधार पर नहीं बल्कि मेहनत और परिश्रम से मिलती है.
अभिनय: फिल्म में सोनम कपूर सेंटर ऑफ अट्रैक्शन बनी हुई हैं. क्योंकि ये कहानी है जोया और उसके लक फैक्टर की, यहां सोनम ने जोया के किरदार में बढ़िया काम किया है. सोनम अपने किरदार में पूरी तरह से ढली हुई नजर आ रही हैं. फिल्म में उनका लुक और साथ ही उनके डायलॉग्स, ये दोनों ही इम्प्रेसिव है. दलकर सलमान एक ऐसे एक्टर हैं जिनकी एक्टिंग उनके एक्सप्रेशन्स में बसी हुई है. फिल्म में एक बार फिर वो हमें अपने किरदार और अपनी पर्सनालिटी से एंटरटेन करते हुए नजर आ रहे हैं. फिल्म में जोया के पिता का किरदार निभा रहे संजय कपूर (Sanjay Kapoor) और साथ ही भाई का किरदार निभा रहे सिकंदर खेर (Sikander Kher) का अंदाज एंटरटेनिंग है. फिल्म में नेगटिव रोल में नजर आ रहे अंगद बेदी (Angad Bedi) अपने किरदार में पूरी तरह से ढले हुए दिखे और स्पोर्ट्समैन के अंदाज में वो काफी हैंडसम भी नजर आते हैं.
म्यूजिक: म्यूजिक की अगर बात की जाए तो यहां आपको कुछ खास सुनने के लिए नहीं मिलता है. फिल्म में तीन गानें हैं जिसमें से इसका पहला सॉन्ग ‘लकी चार्म’ मजेदार है. फिल्म में सिर्फ एक रोमांटिक गाना है जिसे अरिजीत सिंह ने गाया है. ओवरऑल इसमें कोई ऐसा स्पेशल सॉन्ग नहीं है जो आपको बेहद इम्प्रेस कर दे या जिसे आप गुनगुनाते हुए सिनेमाघर से बाहर आए.
फाइनल टेक: निर्देशक अभिषेक शर्मा इस फिल्म में एंटरटेनमेंट के साथ ही हमें एक बढ़िया संदेश भी दिया है. अंधविश्वास के प्रति लोगों की बढ़ती आस्था को उन्होंने तोड़ने की कोशिश की है. फिल्म के डायलॉग्स, सोनम कपूर का किरदार, दलकर सलमान की चार्मिंग पर्सनालिटी और इन लीड एक्टर्स की रोमांटिक केमिस्ट्री इस फिल्म की जान है. साथ ही फिल्म का नरेशन शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) ने किया है और अनिल कपूर (Anil Kapoor) भी यहां कैमियो रोल में हैं. लेकिन फिल्म में आपको खास प्रकार का मनोरंजन नहीं मिलता और ना ही इसकी कहानी में वो दम है जिसकी हमें उम्मीद थी. सोनम और सलमान, ये दोनों ही मंझे हुए कलकार हैं लेकिन यहां इनका भरपूर इस्तेमाल नहीं किया गया है. फिल्म की कहानी काफी साधारण है और कहीं न कहीं ये आपको डेली सोप जैसी फीलिंग देती है. फिल्म का कांसेप्ट काफी बढ़िया है लेकिन इसकी कहानी हमें कमजोर नजर आती है. अगर आप सोनम और सलमान के फैन हैं तो आपको ये फिल्म पसंद आएगी. वरना ये किसी भी अन्य बॉलीवुड फिल्म के समान ही लगती है.