नई दिल्ली, 23 अगस्त : “जरा सी दिल में दे जगह तू, जरा सा अपना ले बना” ट्रैक जब सुना गया तो गजब का असर हुआ. लोग जानते थे कि फिल्म में किसिंग किंग इमरान हाशमी हैं और उनके अपोजिट हैं खूबसूरत सोनल चौहान. पर्दे तक खींचने का काम किया उस आवाज ने जिसका अंदाज कुछ अलग था. इस रोमांटिक सॉन्ग को हॉट बनाया कृष्णकुमार कुन्नाथ (केके) ने. जिन्होंने यारों जी भर के जी लो पल, 'सच कह रहा है दीवाना', है जूनून और बजरंगी भाईजान का ब्लॉकबस्टर सॉन्ग 'तू ही बता' जैसे कई फेमस गाने गए हैं. इस आवाज का जादू न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में फैला था. 90 और 2000 के दशक के लोगों की प्ले लिस्ट में केके टॉप पर रहते थे.
कृष्णकुमार कुन्नथ उर्फ केके का जन्म 23 अगस्त, 1968 को हुआ था. दिल्ली के रहने वाले केके ने काम की तलाश में 1994 में मायानगरी मुंबई का रुख किया. पहली बार उन्हें गायक लेस्ली लुईस के लिए एक मिनट का जिंगल गाने का मौका मिला. एक छोटे से जिंगल गाने से शुरु हुआ केके का करियर धीरे-धीरे परवान चढ़ा और उन्हें बॉलीवुड में पहला ब्रेक विशाल भारद्वाज ने दिया. यह भी पढ़ें : Sanjay Kapoor in London: परिवार संग लंदन पहुंचे एक्टर संजय कपूर, रिचमंड हिल की साझा की तस्वीर
गुलजार की माचिस (1996) में उन्होंने "छोड़ आए हम" गाना गाया. सुरेश वाडेकर, हरिहरन समेत 5 सिंगर्स ने अपनी आवाज दी. इस गाने को पसंद तो किया गया मगर केके जैसी शोहरत चाहते थे वैसी मिली नहीं. वो मुकाम दिलाया संजय लीला भंसाली की हम दिल दे चुके सनम (1999) ने. उनका गाया "तड़प तड़प" गाना ब्लॉकबस्टर साबित हुआ. इस गाने के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला. साल 2000 आते ही केके की बॉलीवुड में डिमांड बढ़ने लगी. 2000 की शुरुआत उनके लिए शानदार रही. उन्होंने कई गानों को अपनी आवाज दी. फिल्म और स्टार बदल जाते थे, लेकिन फिल्म में केके की आवाज एक समां बांध देती थी.
उन्होंने (2001) में आई फिल्म ‘दिल चाहता है’ में "कोई कहे कहता रहे" गाया. इसके अलावा "ओ हमदम सुनियो रे", "दस बहाने", "वो लम्हे”, ''तू ही मेरी शब है'', ''आंखों में तेरी'', ''जरा सा'' और "तू जो मिला" जैसे गानों को अपनी आवाज दी. बताया जाता है कि केके ने दो साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था और वे अपने कॉलेज के रॉक बैंड का भी हिस्सा थे. उन्होंने चार साल के दौरान मोंटे कार्लो, टीवीएस स्कूटी, अमूल, ब्रिटानिया और पेप्सी के ये दिल मांगे मोर सहित 3500 से अधिक जिंगल्स को अपनी आवाज दी. उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, मराठी, बंगाली, असमिया और गुजराती भाषाओं की फिल्मों में भी अपनी जादुई आवाज से समां बांधा.
जब केके ने दुनिया को अलविदा कहा तो वह अपने आखिरी पलों में भी परफॉर्म कर रहे थे. 31 मई 2022 को केके कोलकता के नाजरुल मंच पर लाइव परफॉर्म कर रहे थे. उन्होंने अंतिम बार अपना मशहूर गाना 'हम रहे या ना रहें कल, कल याद आएंगे ये पल...' गाया था. शो के दौरान उनकी तबियत बिगड़ी और फिर उन्हें अस्पताल ले जाया गया. जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. कोलकाता पुलिस ने 1 जून 2022 को अप्राकृतिक मौत का केस दर्ज किया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि उनकी मौत हार्ट अटैक के कारण हुई. केके भारतीय संगीत इतिहास में अपनी मधुर आवाज के लिए हमेशा याद किए जाते रहेंगे. केके ने अपने करियर में 700 से अधिक गाने गाए, जिनमे से लगभग सारे गाने ही अपने समय में हिट साबित हुए.