
DPIFF Organisers Face Fraud Case: दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (DPIFF) विवादों में घिर गया है. फेस्टिवल के आयोजकों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए बीजेपी फिल्म यूनियन अध्यक्ष समीर दीक्षित ने मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, DPIFF के संस्थापक अनिल मिश्रा और उनकी टीम पर दादासाहेब फाल्के के नाम का गलत इस्तेमाल कर सरकार से मान्यता प्राप्त कार्यक्रम होने का झूठा दावा करने का आरोप है. आयोजकों ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत कई बड़े नेताओं के नामों का उपयोग कर फेस्टिवल को सरकारी कार्यक्रम की तरह प्रचारित किया.
सरकारी संस्थानों से धोखाधड़ी कर जुटाई गई स्पॉन्सरशिप
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, DPIFF के आयोजकों ने पंजाब नेशनल बैंक, सिनेपोलिस और PVR इनॉक्स जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से स्पॉन्सरशिप प्राप्त करने के लिए धोखाधड़ी की. इतना ही नहीं, VIP पास के लिए 2.5 लाख रुपये तक वसूले गए और सरकारी अधिकारियों के नाम की फर्जी चिट्ठियां दिखाकर इवेंट को प्रमोट किया गया.
Legal Action Against DPIFF Founder & Associates
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मुंबई पुलिस ने समीर दीक्षित की शिकायत के बाद DPIFF आयोजकों, संस्थापक अनिल मिश्रा और उनके सहयोगियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धोखाधड़ी और ठगी से जुड़ी धाराओं में मामला दर्ज किया है. पुलिस ने विस्तृत जांच शुरू कर दी है और इस फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों की भी पहचान की जा रही है.