एक्ट्रेस अदा शर्मा (Ada Sharma) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं, और अक्सर अपने फैंस के लिए धार्मिक वीडिओ शेयर करती रहती हैं. इससे पता चलता है कि वो बहुत ही धार्मिक हैं और पूजा पाठ को बहुत ज्यादा मानती हैं. अदा ने तुलसी विवाह (Tulsi Vivah 2025) की कथा के बारे में एक वीडियो शेयर किया है. जिसमें वृंदा तुलसी कैसे बनी और उनका विवाह भगवान विष्णु के शालीमग्राम स्वरुप से क्यों किया जाता है. इसकी पूरी जानकारी अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में दी. अपने पोस्ट में अदा ने कहा 'तुलसी विवाह यह दिन इतना खास क्यों माना जाता है इसके बारे में बताया। वृंदा नाम की एक सुंदर, पतिव्रता और धर्मनिष्ठ नारी थी. वह अपने पति, राजा जलंधर, से अत्यंत प्रेम करती थी. वृंदा भगवान विष्णु की अनन्य भक्त थीं और अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रतिदिन पतिव्रता व्रत का पालन करती थी. उनकी भक्ति और पवित्रता के प्रभाव से राजा जलंधर इतने शक्तिशाली हो गए कि देवता भी उन्हें पराजित नहीं कर सकते थे.” यह भी पढ़ें: VIDEO: 'मैं उनकी पत्नी नहीं हूं': Nazia Elahi Khan ने टीवी एक्टर Puneet Vashist की 2 बीवीओं का किया खुलासा, झूठ बोलकर तीसरी शादी करने का लगाया आरोप
बहुत सोचने के बाद भगवान विष्णु ने वृंदा का शील भंग करने की लीला रची. ऐसा करने से वृंदा का पतिव्रता व्रत भंग होगा और जालंधर की मृत्यु. भगवान विष्णु ने जालंधर का रूप लेकर वृंदा के सामने प्रगट हुए और उनका शील भंग किया. जिसके बाद युद्ध भूमि पर जालंधर का वध हो गया. इसके बाद भगवान विष्णु ने अपना वास्तविक स्वरूप में आये और यह देखकर वृंदा अचंभित और व्यथित रह गईं.
अपना शील भंग होने के बाद वृंदा व्यथित होकर रो पड़ीं और बोलीं, “प्रभु, आपने ऐसा क्यों किया? आपने मुझे धोखा क्यों दिया? मैं तो आपकी अनन्य भक्त थी.” वृंदा ने दुःख और क्रोध में भगवान् विष्णु को श्राप दे दिया। जैसे आपने मुझे मेरे पत्नी धर्म से विमुख किया, वैसे ही आपको भी अपनी पत्नी से दूर रहना पड़ेगा।” और वही हुआ — आगे चलकर भगवान राम को वनवास के समय माता सीता से वियोग सहना पड़ा.
देखें अदा शर्मा का इंस्टाग्राम पोस्ट
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इसके बाद, वृंदा ने अपने प्राण त्याग दिए. विष्णु जी अत्यंत दुःखी हुए और बोले, “वृंदा, तुम अत्यंत पवित्र और धर्मनिष्ठा स्त्री हो. मैं तुम्हारे शरीर से एक पवित्र पौधा उत्पन्न करूँगा, जो सदा पूजनीय रहेगा। तुम उसी के रूप में संसार में प्रतिष्ठित होगी और ‘तुलसी’ कहलाओगी। तुम मेरी प्रियतमा बनोगी।”
तभी धरती पर तुलसी का पौधा उत्पन्न हुआ, और तब से हर हिंदू घर में तुलसी माँ की पूजा का प्रचलन हुआ. अदा शर्मा ने इस कथा को साझा करते हुए कहा कि भगवान विष्णु की कोई भी पूजा तुलसी के बिना अधूरी मानी जाती है, क्योंकि तुलसी माँ भक्ति, पवित्रता और निष्ठा का प्रतीक हैं. तुलसी विवाह के बाद सभी शुभ कार्य और विवाह की शुरुआत हो जाती है.












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