बाला साहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) की जिंदगी पर आधारित फिल्म 'ठाकरे' (Thackeray) ने सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) इस फिल्म में बाल ठाकरे की भूमिका निभा रहे हैं और इस बार भी उन्होंने निराश होने का मौका नहीं दिया है. बड़े ही उम्दा तरीके से उन्होंने अपना किरदार निभाया है. फिल्म में अमृता राव (Amrita Rao) भी अहम भूमिका में हैं. उन्होंने बाला साहेब की धर्मपत्नी मीनाताई ठाकरे (Meenatai Thackeray) का रोल प्ले किया है. इस फिल्म के माध्यम से बाला साहेब की जिंदगी को बड़े पर्दे पर बखूबी दर्शाया गया है. फिल्म काफी एंटेरटेनिंग है लेकिन जिन लोगों को राजनीति के बारे में थोड़ी कम जानकारी है, उन्हें कुछ चीजें समझने में थोड़ी मुश्किल होगी.
कहानी: फिल्म की शुरुआत में दिखाया जाता है कि बाल ठाकरे एक अखबार में कार्टून आर्टिस्ट की नौकरी करते हैं. राजनीतिक हस्तियों के खिलाफ कार्टून बनाने की वजह से उनके बॉस उन पर गुस्सा करते हैं. यह बात बाल ठाकरे को जरा भी पसंद नहीं आती और वह अपनी नौकरी छोड़ देते हैं. इसके बाद दिखाया जाता है कि बाल ठाकरे महाराष्ट्र में मराठी लोगों के साथ हो रहे व्यवहार की वजह से दुखी है. उन्हें यह बात बहुत परेशान करती है कि मराठी बहुल के राज्य में उनके साथ गलत बर्ताव किया जाता है. फिर वह खुद की एक साप्ताहिक पत्रिका शुरू करते हैं और उसके बाद मराठी लोगों के हक की आवाज उठाने के लिए शिवसेना का निर्माण करते हैं. इसके आगे फिल्म में उनके पॉलिटिकल करियर से जुड़े विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है. फिल्म देखते वक्त स्क्रीन से नजरें हटाना मुश्किल साबित होता है. खासतौर पर अगर आप उन लोगों में से एक है जो बाला साहेब के विचारों का समर्थन करते हैं, तो आपको यह फिल्म जरूर पसंद आएगी.
निर्देशन: अभिजीत पानसे (Abhijit Panse) ने बाला साहेब की जिंदगी को बड़े पर्दे पर बखूबी उतारा है. बाला साहेब के विचारों की तरह यह फिल्म भी काफी निडर है. अभिजीत ने नवाज की प्रतिभा का काफी अच्छे से इस्तेमाल किया है.
अभिनय: फिल्म 'ठाकरे' एक वन मैन शो है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है. अमृता राव ने भी मीनाबाई ठाकरे का किरदार बखूबी निभाया है और लेकिन उनको स्क्रीन पर देखने का मौका कम मिलता है. फिल्म की सपोर्टिंग कास्ट की एक्टिंग भी दमदार है और इस वजह से फिल्म को देखने का मजा दोगुना हो जाता है.
म्यूजिक: फिल्म में गानों का इस्तेमाल नहीं किया गया है. हालंकि, फिल्म का टाइटल ट्रैक दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है. फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक काफी अच्छा है और फिल्म की पेस को बरकरार रखने में मदद करता है.
फिल्म की खूबियां:
1. नवाजुद्दीन सिद्दीकी का बेहतरीन अभिनय
2. शानदार बैकग्राउंड स्कोर
3. सपोर्टिंग कास्ट की एक्टिंग
फिल्म की खामी:
1. जिन लोगों को राजनीति में कम दिलचस्पी है, उन्हें यह फिल्म समझने में कठिनाई होगी.
कितने स्टार्स ?
अगर आप बाला साहेब ठाकरे की जिंदगी के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको यह फिल्म जरुर देखनी चाहिए. नवाजुद्दीन सिद्दीकी स्टारर इस फिल्म को हम 3.5 स्टार्स देना चाहेंगे.