Sonu Sood और कांग्रेस विधायक Zeeshan Siddique ने कैसे उपलब्ध कराई कोविड-19 की दवाईयां? मुंबई हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश
सोनू सूद और कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी (Photo Credits: Instagram)

मुंबई, 16 जून: मुंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि नागरिकों के लिए कोविड रोधी दवाओं की खरीद और आपूर्ति में स्थानीय कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी (Zeeshan Siddique) तथा अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) की भूमिका की जांच की जाए. उच्च न्यायालय ने कहा कि इन लोगों ने खुद को एक तरह का मसीहा दिखाया और इस बात की पड़ताल भी नहीं की कि दवाएं नकली तो नहीं हैं और आपूर्ति वैध है या नहीं.

न्यायमूर्ति एस पी देशमुख और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ को महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणि ने बताया था कि महाराष्ट्र सरकार ने चैरिटेबिल ट्रस्ट बीडीआर फाउंडेशन और उसके न्यासियों के खिलाफ सिद्दीकी को रेमडेसिविर दवा की आपूर्ति करने के मामले में मझगांव महानगर अदालत में आपराधिक मामला दर्ज कराया था जिसके बाद पीठ ने महाराष्ट्र सरकार को जांच का निर्देश दिया.

कुंभकोणि ने कहा कि सिद्दीकी केवल उन नागरिकों तक दवाएं पहुंचा रहे थे जो उनसे संपर्क कर रहे थे, इसलिए उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि सोनू सूद ने गोरेगांव स्थित लाइफलाइन केयर अस्पताल में स्थित दवा की अनेक दुकानों से दवाएं प्राप्त की थीं. फार्मा कंपनी सिप्ला ने इन फार्मेसियों को रेमडेसिविर की आपूर्ति की थी और इस मामले में अभी जांच चल रही है.

वह उच्च न्यायालय के पिछले आदेशों पर जवाब दे रहे थे जिन्हें कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए जरूरी दवाओं तथा संसाधनों के प्रबंधन से संबंधित अनेक मुद्दों पर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुनाया गया था.