मशहूर अभिनेता मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) ने अपने अब तक के करियर में जितनी भी इज्जत कमाई है, उसका श्रेय वह साल 1998 में आई राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) की फिल्म 'सत्या' (Satya) को देना चाहते हैं. फिल्म में उन्होंने गैंगस्टर भीखू म्हात्रे के किरदार को निभाया था, जिसने उन्हें रातोंरात चर्चा में ला दिया था.
बाजपेयी ने कहा, "'सत्या' को न केवल एक गैंगस्टर मूवी बल्कि एक कल्ट मूवी के तौर पर भी याद किया जाता है. इसे जिस मकसद से बनाया गया, उसे इसने पूरा किया. इसने अपनी बात अच्छे से रखी. यह उन फिल्मों में से एक है, जहां हम गैंगस्टर को एक इंसान के तौर पर देखते हैं और दर्शकों को यही बात अच्छी लगी." यह भी पढ़े: Suraj Pe Mangal Bhari: मनोज बाजपेयी के किरदार की खूब हो रही है चर्चा, तैयार होने में लगते थे 4 घंटे
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आने वाले दिनों में इस फिल्म को सोनी मैक्स 2 पर प्रसारित किया जाएगा. इस पर बाजपेयी ने छोटे पर्दे की खासियत के बारे में बात करते हुए कहा, "टेलीविजन की पहुंच कई ज्यादा दर्शकों तक है. देश के हर गली, नुक्कड़ और मोहल्ले तक इसकी पहुंच है, जहां कई सारे लोग साथ में बैठकर अपने परिवार के साथ किसी फिल्म का आनंद लेते हैं. 'सत्या' ने अपने 22 साल पूरे कर लिए हैं, लेकिन आज भी लोग इसे देखना पसंद करते हैं. फिल्म में भीखू म्हात्रे के किरदार ने ही मुझे वह सबकुछ दिलाया है, जो आज मेरे पास है."