Lata Mangeshkar Death Anniversary: स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने बीते साल 6 फरवरी को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली थी. दीदी की आज पहली पुण्यतिथि है. निधन से पहले लता दीदी ने ब्रीच कैंडी अस्पताल में 29 दिनों तक जिंदगी के लिए संघर्ष किया था. लेकिन कोरोना और निमोनिया एक साथ होने की वजह से उनकी तबियत ठीक नहीं हो पाई थी. साल 2001 में उनकी संगीत साधना को देखते हुए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था. वो पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान से भी सम्मानित हो चुकी थीं.
लता दीदी का जीवन बेहद ही संघर्षपूर्ण रहा है और उनकी जीवनहर किसी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है. उनके जीवन से कुछ ऐसी घटनाएं भी जुड़ी हैं जो हैरान करने वाली हैं. आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि लता दीदी को धीमा जहर देकर मारने की कोशिश भी की गई थी. पर जिस पर कृपा ऊपर वाले की हो तो उसका क्या ही बिगड़ने वाला है.
साल 1963 में लता दीदी को को धीमा जहर दिया गया था. उन्होंने इस दर्दनाक किस्से को याद करते हुए एक इंटरव्यू में कहा था, मैं बेड से उठ भी नहीं पाती थी और ये सिलसिला तकरीबन तीन महीने तक चला, हालत ये थी कि मैं अपने आपसे चल फिर तक नहीं पाती थी.
लता दीदी ने आगे कहा, हमारा परिवार इस बारे में बात नहीं करना चाहता क्योंकि ये मेरी जिंदगी के सबसे दर्दनाक पल थे. लता जी ने ये भी खुलासा किया था कि उन्हें धीमा जहर मारने की कोशिश किसने की थी, उन्हें इस बात का मालूम चल गया था लेकिन बिना किसी पुख्ता सबूत के वो पुलिस में कम्प्लेन नहीं कर सकती थीं इसलिए कभी उस शख्स का नाम कभी भी सामने नहीं आ पाया.