Bhool Chuk Maaf Review: 'भूल चूक माफ' रिश्तों की गहराई, हल्की-फुल्की हंसी और बनारसी खुशबू से भरी एक प्यारी कहानी!
Bhool Chuk Maaf Review, Photo Credits: Maddock Films

Bhool Chuk Maaf Review: ज़िंदगी की रफ़्तार में हम अक्सर उन छोटी-छोटी बातों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं जो हमें इंसान बनाती हैं माफ़ करना, रिश्तों को संजोना और गलती होने पर मुस्कुरा कर आगे बढ़ना. करण शर्मा की 'भूल चूक माफ' ऐसी ही एक फिल्म है जो आपको ना सिर्फ हंसाएगी, बल्कि दिल में एक मुलायम सी जगह भी बना लेगी. बिना ओवरडोज़ ड्रामा के, ये फिल्म बेहद ईमानदारी से रिश्तों की मिठास और परिवार की उलझनों को छूती है. साथ ही बनारस की खूबसरती को और भी उभारकर आपके सामने रखती है.

'भूल चूक माफ' एक आम लेकिन असरदार कहानी है. रंजन (राजकुमार राव) की ज़िंदगी में वही टेंशन है जो आजकल हर मिडल क्लास युवा महसूस करता है—सरकारी नौकरी का प्रेशर, घरवालों की उम्मीदें और दिल में पलता एक मासूम सा प्यार. कहानी की खूबसूरती इसकी सादगी में है. बनारस की गलियों की रंगत, वहां का देसीपन और घरेलू झगड़े इसे असली बना देते हैं.

देखें 'भूल चूक माफ' का ट्रेलर:

राजकुमार राव रंजन के किरदार में इतने सहज हैं कि ऐसा लगता है जैसे वे स्क्रीन पर नहीं, हमारे घर में बैठे हों. उनकी कॉमिक टाइमिंग और इमोशनल मोमेंट्स दोनों कमाल के हैं. वामिका गब्बी ने तितली के रोल में चुपचाप दिल जीत लिया है—ना ज़्यादा कोशिश, ना ओवरएक्टिंग, बस एक प्यारी सी नैचुरल और फ्रेश परफॉर्मेंस. संजय मिश्रा सरप्राइज हैं, क्लाइमैक्स में छाप छोड़ जाते हैं. इसके अवाला सीमा पाहवा और रघुबीर यादव ने फिल्म को सिर्फ मज़ेदार ही नहीं, बल्कि भावुक भी बना दिया.

फिल्म में कोई जबरदस्ती का ह्यूमर नहीं है. कोई डबल मीनिंग जोक्स या ओवरएक्टिंग नहीं, बल्कि एकदम साफ-सुथरी सिचुएशनल कॉमेडी है जो बच्चों से लेकर बड़ों तक हर किसी को पसंद आएगी. हर सीन में एक अपनी सी बात छिपी है जैसे कभी ठहाका, तो कभी एक हल्की सी टीस. वन लाइनर्स जैसे तुम्हें समोसे के अंदर डालकर तल देंगे.

करण शर्मा का डायरेक्शन बिना किसी उलझन के, सीधे दिल तक पहुंचने वाला और साफ है. उन्होंने फिल्म को नाटकीय नहीं बनाया, बल्कि हर किरदार को स्पेस दिया और हर सीन को बारीकी से बुना. डायलॉग ऐसे हैं जैसे अपने घर में कोई बोल रहा हो बिलकुल घरेलू, दिल से निकले हुए. माफी वाला सीन फिल्म की जान कहा जा सकता है जिसे बड़ी ही खूबसूरती और सादगी के साथ फिल्माया गया है.

हालांकि फिल्म में कुछ खामियां भी हैं जैसे इसकी प्रेडिक्टेबल कहानी, साथ ही इमोशन्स को और भी गहराई से दिखाया जा सकता था. पर फिल्म देखते वक्त आप इन खामियों को नजर अंदाज कर जाओगे.

'भूल चूक माफ' का 'हट बदमाश' गाना:

'भूल चूक माफ' उन कहानियों में से है जो बड़े-बड़े क्लाइमैक्स या सस्पेंस की मोहताज नहीं होती. ये फिल्म अपनी मासूमियत, अपने किरदारों की सच्चाई और रिश्तों की गर्माहट से आपका दिल जीतती है. यह बताती है कि माफ़ करना और दोबारा मौका देना भी एक खूबसूरत एहसास हो सकता है.

अगर आप इस गर्मी में अपने परिवार के साथ बैठकर कोई सुकूनभरी, साफ-सुथरी और दिल को छू जाने वाली फिल्म देखना चाहते हैं, तो ‘भूल चूक माफ’ ज़रूर देखिए. यह फिल्म आपको निराश नहीं करेगी.फिल्म को 5 में से 3.5 स्टार. मैडॉक फिल्म्स के बैनर तले बनी इस फिल्म को दिनेश विजन ने प्रोड्यूस किया है, शारदा कार्की जलोटा को-प्रोड्यूसर हैं और करण शर्मा ने इसे लिखा और निर्देशित किया है.

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