पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) के लिए अभिनय एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है. अभिनेता का कहना है कि वह सेट पर काम करते समय हमेशा गंभीर नहीं होते हैं लेकिन उनका आंतरिक ध्यान हमेशा सक्रिय रूप से उनके कौशल में डूबा रहता है. चुनौतीपूर्ण भूमिका के बारे में पंकज ने कहा, गुड़गांव (2017) वास्तव में कठिन थी और यहां तक कि गुरुजी का रोल (सेक्रेड गेम्स में) भी कठिन था. कलाकारों के पास दो टूल होते हैं. पहला तो उनका व्यक्तिगत अनुभव और दूसरा सबसे अधिक महत्वपूर्ण उनकी कल्पना होती है.
उन्होंने कहा, ये भूमिकाएं कठिन थीं, क्योंकि वे मेरे जीवन के अनुभवों से अलग थी और इनमें मुझे बहुत कल्पना करनी थी. अभिनय अब मेरे लिए एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है. यदि आप मुझे सेट पर देखते हैं तो आपको लग सकता है -कि मैं गंभीर नहीं हूं, लेकिन उस समय मेरा आंतरिक ध्यान हमेशा सक्रिय रहता है. फिलहाल वह वेब सीरीज मिजार्पुर में कालीन भैया के रूप में और हालिया फिल्म लूडो में अपनी भूमिका के लिए काफी प्रशंसा बटोर रहे हैं. यह भी पढ़े: Mirzapur 2: मिर्जापुर की सफलता के बाद पंकज त्रिपाठी को कालीन भैया के नाम से जानते हैं लोग, पढ़ें एक्टर का ये बयान
View this post on Instagram
उन्होंने कहा, मैंने वास्तव में कालीन भैया का किरदार निभाने का आनंद लिया. यह पूछे जाने पर कि उन्होंने मिजार्पुर का चयन क्यों किया, इस पर पंकज ने कहा, जब मैंने इसकी स्टोरी के बारे में सुना तो मुझे यह पसंद आई. मुझे लगा कि यह एक दिलचस्प भूमिका है. पंकज त्रिपाठी ने निर्देशक अनुराग बसु की तारीफ की. पंकज ने कहा कि अनुराग बसु उनके पसंदीदा निर्देशक हैं. इसके साथ ही पंकज ने दिवंगत अभिनेता इरफान खान की प्रशंसा भी की और कहा कि वह वास्तव में इरफान खान को पसंद करते थे. उन्होंने इरफान के निधन पर दुख भी जताया.