Aazam Movie Review: यह कहने की बात नहीं है कि जिमी शेरगिल बॉलीवुड के एक बेहतरीन अभिनेता हैं, उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में कई तरह के किरदार निभाए और उनके हर किरदार को वाहवाही मिली है. अब जिमी 'आजम' के साथ 26 मई को सिनेमाघरों में धमाका मचाने के लिए तैयार हैं. श्रवण तिवारी का डायरेक्शन और ग्रिपिंग कहानी का सस्पेंस आपको आखिर तक सीट से बांधकर रखने वाला है. वैसे तो बॉलीवुड में अंडरवर्ल्ड पर काफी सारी फिल्में बनी है, पर 'आजम' खुद को उन फिल्मों से काफी दूर रखती नजर आती है और अपनी अलग पहचान बनाती है. City Of Dreams Season 3 Team Visits Siddhivinayak Temple: 'सिटी ऑफ ड्रीम्स' की टीम ने सिद्धीविनायक मंदिर पहुंच गणपति बप्पा से मांगा आशिर्वाद (View Pics)
फिल्म की कहानी शुरु होती है नवाब खान (रजा मुराद) से, जोकि मुंबई का डॉन है, जिसके नाम से अंडरवर्ल्ड क्या राजनेता और पुलिस ऑफिर भी कांपते हैं. यहां तक कि मुख्यमंत्री भी सलाह मशवरा करते हैं. पर नवाब को हो जाता है कैंसर और जिंदगी के कुछ ही दिन बांकी रह जाते हैं, ऐसे में होढ़ मचती है कि गद्दी का अगला दावेदार कौन होगा? अब यहां पर एंट्री होती है जावेद (जिमी शेरगिल) की जो अपने खुरापाती दिमाग का इस्तेमाल कर सबको पीछे छोड़ देता है और ऐसे कारनामे कर जाता है जिसके लिए आप सोच में पड़ जाएंगे.
कहानी फिल्म की जान होती है और यह कहा जा सकता है कि इस फिल्म की जान बेहद मजबूत और पुख्ता है. साथ ही श्रवण तिवारी का सधा हुआ डायरेक्शन काबले तारीफ है. उन्होंने इतना सस्पेंस बनाकर रखा है कि आप अपनी सीट से हिलने की भी जुर्रत नहीं कर पाएंगे
एक्टिंग की बात करें तो हमेशा की तरह इस बार भी जिमी शेरगिल ने अपनी बेहतरीन अदाकारी का लोहा मनवाया है. यह कहूं कि उनका यह किरदरा पहले की सभी फिल्मों से अलग और दमदार है तो गलत नहीं होगा. इसके साथ अभिमन्यू सिंह और इंद्रनील सेनगुप्ता ने भी अपने किरदार को बारीकी से पकड़ा और न्याय किया है.
अगर फिल्म की कमजोर कड़ी की बात करें तो फिल्म की एडिटिंग और बैकग्राउंड पर और अधिक काम किया जा सकता था. साथ ही इस वक्त मुंबई में कोई गुंडाराज नहीं चल रहा है और अगर फिल्म 80-90 के दशक की बात कर रही है तो उस समय आधुनिक तकनीकि नहीं थी. इसलिए दर्शकों को यह बात थोड़ा खटक सकती है.
अगर आप सस्पेंस-थ्रिलर फिल्मों के शौकीन हैं तो 'आजम' आपके लिए है, आप इसे आराम के साथ थिएटर में देख सकते हैं. इस फिल्म की कहानी का सस्पेंस आपको आखिर तक सीट से बांधकर रखेगा. मैं चाहूंगा कि इस तरह की फिल्मों को दर्शक प्रोत्साहन दें ताकि और भी इस तरह की बेहतरीन फिल्में बन सकें. Sushant Singh Rajput को लेकर बोले Manoj Bajpayee, वह इंडस्ट्री की राजनीति का दबाव संभाल नहीं सका