Aayushmati Geeta Matric Pass Review: फिल्म 'आयुष्मती गीता मैट्रिक पास' समाज में महिलाओं की शिक्षा की अनिवार्यता पर एक महत्वपूर्ण संदेश देती है. उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव की पृष्ठभूमि पर आधारित इस फिल्म की कहानी एक पिता-पुत्री के रिश्ते और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है. फिल्म को प्रदीप खैरवार ने डायरेक्ट किया है. फिल्म आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. इसकी अवधि 2 घंटा 19 मिनट है.
फिल्म की कहानी पंडित विद्याधर त्रिपाठी (अतुल श्रीवास्तव) और उनकी बेटी गीता (कशिका कपूर) के इर्द-गिर्द घूमती है. गीता की मां ने पंडित से वादा लिया था कि उसकी शादी तभी होगी जब वह मैट्रिक पास करेगी. पिता अपनी पत्नी को दिए वादे को निभाने के लिए बेटी को पढ़ाना चाहते हैं, लेकिन गीता को बीच में कुंदन (अनुज सैनी) से प्यार हो जाता है. पिता की शर्त है कि गीता की शादी तभी होगी जब वह मैट्रिक पास होगी, लेकिन गीता परीक्षा पास नहीं कर पाती और इस स्थिति में एक ऐसा कदम उठाती है जिससे पिता की प्रतिष्ठा पर असर पड़ता है. अंततः उसे अपनी गलती का अहसास होता है और वह मैट्रिक पास करने का दृढ़ निश्चय करती है. आगे की कहानी जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी.
'आयुष्मती गीता मैट्रिक पास' ट्रेलर:
अभिनय
कशिका कपूर ने गीता के रूप में सहज और प्रभावी प्रदर्शन किया है. अतुल श्रीवास्तव का अभिनय सबसे अधिक प्रभावित करता है, उनके अभिनय में एक पिता की भावनाओं और संघर्ष को बखूबी दर्शाया गया है. अनुज सैनी और अन्य सह-कलाकारों ने भी अपने-अपने किरदारों में ठीक-ठाक काम किया है.
निर्देशन
फिल्म का निर्देशन प्रदीप खैरवार ने किया है, और बतौर निर्देशक यह उनकी पहली फिल्म है. हालांकि फिल्म की गति कुछ हिस्सों में धीमी हो जाती है, लेकिन खैरवार का प्रयास काबिले तारीफ है. लोकेशन और एडिटिंग के मामले में कुछ सुधार की गुंजाइश जरूर है, लेकिन फिल्म का समग्र प्रस्तुतीकरण दर्शकों को बांधे रखने में सक्षम है.
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निर्णय
फिल्म में मनोरंजन के साथ-साथ समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया गया है. 'आयुष्मती गीता मैट्रिक पास' उन फिल्मों में से एक है, जो हल्की-फुल्की ह्यूमर, रोमांस और ड्रामा के साथ एक सार्थक संदेश भी देती है. अगर आप शिक्षा के महत्व को लेकर प्रेरणादायक कहानियों को पसंद करते हैं, तो यह फिल्म जरूर देखी जा सकती है. फिल्म को हमारी तरफ से 5 में से 3 स्टार.